नई दिल्ली: महाराष्ट्र स्टेट काउंसिल फॉल एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT) ने कक्षा 10वीं में मैथ (Math) और साइंस (Science) विषयों के लिए पासिंग मार्क्स कम करने का निर्णय लिया है. बोर्ड छात्रों के लिए पासिंग मार्क्स को 35 मार्क्स से घटाकर 20 मार्क्स करेगा. कक्षा 10वीं के लिए नए स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क स्कूल एजुकेशन (SCF-SE) में इस फैसले की घोषणा की गई है.


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बोर्ड छात्रों को उनके कम मार्क्स के बावजूद पास करेगा, लेकिन उन्हें मैथ और साइंस में हायर एजुकेशन प्राप्त करने की अनुमति नहीं देगा. इन छात्रों के सर्टिफिकेट उन्हें 'पास' घोषित करेंगे, लेकिन उन्हें हायर क्लास में मैथ और साइंस से संबंधित कोर्स लेने से रोकेंगे. इन विषयों के अलावा, छात्र हायर एजुकेशन में अन्य कोर्स करने के लिए स्वतंत्र होंगे.


इस फैसले से कम मार्क्स पाने वाले छात्रों को अधिक फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी क्योंकि अब उनके पास कम मार्क्स दर्शाने वाले नोट के साथ नई कक्षा में जाने या अपने रिजल्ट को बेहतर बनाने के लिए फिर से परीक्षा देने का विकल्प होगा.


इस कदम का उद्देश्य ह्यूमैनिटीज और आर्ट्स जैसे विषयों में रुचि रखने वाले छात्रों की मदद करना है, जो कक्षा 10वीं में मिनिमम मार्क्स प्राप्त करने में असफल होने पर पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर हो जाते हैं.


महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजुकेशन के अध्यक्ष शरद गोसावी ने कहा कि पासिंग मार्क्स में बदलाव तब किए जाएंगे जब पूरे राज्य में नया करिकुलम लागू हो जाएगा.


स्टेट काउंसिल फॉल एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT) के निदेशक राहुल रेखावर ने कहा कि यह बदलाव नए करिकुलम फ्रेमवर्क का हिस्सा है जिसे स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने पहले ही मंजूरी दे दी है. रेखावर ने कहा, 'यह बदलाव यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि छात्रों को गलत तरीके से सिस्टम से बाहर न किया जाए.'