Mamta Karki Success Stroy: शादी के 11 साल बाद 42 की उम्र में क्रैक किया पीसीएस एग्जाम, बन गईं बीडीओ
Mamta Karki Success Stroy: ममता ने अपने परिवार और बच्चों की देखभाल के लिए साल 2013 में नौकरी छोड़ दी थी. नौकरी छोड़ने के बाद भी वह हैदराबाद में अपने परिवार के साथ बच्चों की परवरिश के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती रहीं.
UKPCS Success Story: सरकारी नौकरी पाने के लिए हजारों कैंडिडेट्स प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होते हैं. इन परीक्षाओं को सफलतापूर्वक पास करने के लिए कम से कम एक साल की तैयारी जरूरी होती है. एक 42 साल की महिला की सफलता की कहानी सुनकर आप हैरान रह जाएंगे, जिन्होंने शादी के 11 साल बाद सरकारी परीक्षा पास कर बड़ी छलांग लगाई. महिला का नाम ममता कार्कि है, जो उत्तराखंड के बागेश्वर की रहने वाली हैं. ममता ने पीसीएस परीक्षा पास कर साबित कर दिया कि सफलता किसी भी उम्र में हासिल की जा सकती है, चाहे उसकी उम्र कितनी भी हो. ममता ने साल 2021 में परीक्षा पास की और बीडीओ के पद पर चयनित हुईं.
उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई हल्द्वानी के भारतीय बाल विद्या मंदिर से की. शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने जीजीआईसी से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की. बाद में उन्होंने पंतनगर विश्वविद्यालय से बीटेक में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. उन्होंने दिल्ली से एमटेक की पढ़ाई पूरी की. वे साल 2005 में लोक सेवा आयोग के जरिए प्रोफेसर के पद पर भी नियुक्त हुईं, जहां उन्होंने कई सालों तक एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाया.
ममता ने अपने परिवार और बच्चों की देखभाल के लिए साल 2013 में नौकरी छोड़ दी थी. हालांकि उनके लिए यह फैसला लेना आसान नहीं था. उनके पति जितेंद्र कार्कि जो भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (BHEL) हैदराबाद में कार्यरत हैं, ने उनके हर फैसले में उनका साथ दिया. नौकरी छोड़ने के बाद भी वह हैदराबाद में अपने परिवार के साथ बच्चों की परवरिश के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती रहीं. उन्होंने उत्तराखंड पीसीएस परीक्षा के लिए आवेदन किया और 2021 की परीक्षा में शामिल हुईं, इसमें सफल रहीं और बीडीओ बन गईं.
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यह सब उनकी शादी के 11 साल बाद हुआ. वह कई महिलाओं के लिए एक आदर्श बन गई हैं जो शादी के बाद भी बड़े सपने देखने और अपने जीवन में कुछ करने की ख्वाहिश रखती हैं. उन्होंने यह भी साबित कर दिया है कि सफलता कभी भी हासिल की जा सकती है, क्योंकि उम्र कोई बाधा नहीं है.