IAS Rukmani Riar: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. इसलिए लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा की तैयारी में सालों साल लगे रहते हैं. कुछ लोगों का तो मानना है कि केवल सबसे प्रतिभाशाली दिमाग और फर्स्ट बेंचर्स ही सिविल सेवा परीक्षा में सफल हो सकते हैं. हालांकि, आईएएस रुक्मणी रियार ने उन सभी लोगों को गलत साबित करते हुए एक उदाहरण सेट किया है कि यह परीक्षा कोई भी उम्मीदवार पास कर सकता है, बशर्ते उसमें लगन के साथ परीक्षा की तैयारी करने का जोश हो.


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छठी कक्षा में हुई फेल, पर UPSC में आई AIR 2
बता दें कि रुक्मणि रियार अपने स्कूली शिक्षा के दिनों में कभी भी टॉपर नहीं रहीं. दरअसल, वह छठी कक्षा में भी फेल हो गई थी. लेकिन साल 2011 में उन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास कर ऑल इंडिया दूसरी रैंक के साथ आईएएस का पद हासिल कर लिया था.


सोशल साइंस में ली UG और PG की डिग्री
रुक्मणी ने अपनी स्कूली शिक्षा पंजाब के गुरदासपुर से शुरू की और बाद में डलहौजी के सेक्रेड हार्ट स्कूल में दाखिला ले लिया. 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह अमृतसर के गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से सोशल साइंस की पढ़ाई करने चली गईं. इसके बाद उन्होंने मुंबई के प्रतिष्ठित टाटा इंस्टीट्यूट से सोशल साइंस में मास्टर की डिग्री हासिल की.


इंटर्नशिप के दौरान लिया UPSC देने का फैसला
अपनी मास्टर डिग्री के बाद, रुक्मणी ने मैसूर में अशोदा और मुंबई में अन्नपूर्णा महिला मंडल जैसे गैर सरकारी संगठनों के साथ इंटर्नशिप की. वहां रहने के दौरान रुक्मणि का जुड़ाव सिविल सर्विसेस से हो गया और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में बैठने का फैसला किया.


बिना कोचिंग पहले प्रयास में बन गई IAS 
रुक्मणी रियार ने साल 2011 में अपने पहले प्रयास में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर डाली, जिसमें उन्होंने ऑल इंडिया दूसरी रैंक हासिल की. इसके अलावा बता दें कि रुक्मणि रियार ने बिना किसी कोचिंग के ही यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक किया था.