Scored Low in CUET UG 2024: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 28 जुलाई को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET-UG) 2024 का रिजल्ट जारी किया था. ये परीक्षा उन छात्रों के लिए होती है जो देश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों में स्नातक की पढ़ाई करना चाहते हैं. अगर आप उन स्टूडेंट्स में से हैं जिन्होंने कम नंबर पाए हैं, तो हम आपको कुछ ऑप्शन बता रहे हैं जिससे आप अपनी आगे की पढ़ाई की प्लानिंग बना सकते हैं.


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विदेशी विश्वविद्यालय


जिन स्टूडेंट्स को अपने मनपसंद कोर्स या कॉलेज में दाखिला नहीं मिल पाया है, वे विदेशी विश्वविद्यालयों में दाखिले की कोशिश कर सकते हैं. कई छात्रों का कहना है कि विदेश में अकेले रहकर पढ़ाई करना मुश्किल होता है, लेकिन इससे उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलता है. वे ज़्यादा आत्मविश्वासी हो जाते हैं क्योंकि उन्हें पढ़ाई और पार्ट-टाइम काम, बजट आदि को मैनेज करना सीखना पड़ता है.


ओपन यूनिवर्सिटी


अगर विदेश पढ़ना एक दूर का सपना लग रहा है, तो ओपन यूनिवर्सिटी भी एक विकल्प हैं. उदाहरण के लिए, एक छात्र इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU), दिल्ली विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा केंद्र (DU SOL) और डॉ. बीआर अंबेडकर मुक्त विश्वविद्यालय में एडमिशम ले सकते हैं. IGNOU में पढ़ने का फायदा यह है कि कम फीस में छात्र डिस्टेंस, ओपन और रेगुलर ग्रेजुशन एजुकेशन चुन सकते हैं. IGNOU से मिलने वाली डिग्री भी मान्य होती है और इसे आगे की पोस्टग्रेजुएशन पढ़ाई या किसी अन्य निजी, राज्य या केंद्र सरकार के विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए माना जाएगा.


प्राइवेट यूनिवर्सिटी


कई प्राइवेट यूनिवर्सिटी ऐसी हैं जो CUET UG स्कोर के अलावा डायरेक्ट एडमिशन भी देती हैं. स्टूडेंट्स को ऐसे संस्थानों को ढूंढना होगा और एडमिशन के लिए आवेदन करना होगा. प्राइवेट यूनिवर्सिटी से प्रोफेशनल कोर्स करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है क्योंकि वे कैंपस प्लेसमेंट का विकल्प देते हैं और ऐसे संस्थानों में इंटर्नशिप की भी सुविधा होती है.


एड-टेक प्लेटफॉर्म


स्टूडेंट्स को एक साल बर्बाद नहीं करना चाहिए, इसलिए वे एड-टेक प्लेटफॉर्म से कोई प्रोफेशनल कोर्स कर सकते हैं. उडेमी, कोर्सेरा, एडएक्स जैसे प्लेटफॉर्म छात्रों के लिए कई तरह के फ्री, पेड, बेसिक और एडवांस लेवल के कोर्स देते हैं. असल में, एक ह्यूमेनिटीज़ का छात्र भी ऐसा कोर्स कर सकता है जिसमें साइंस और टेक्नोलॉजी की ज़रूरत होती है. एड-टेक प्लेटफॉर्म इतनी आजादी देते हैं. जब तक छात्र को मौका मिलता है, तब तक वे अपने आप को बेहतर बना सकते हैं.


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वोकेशनल कोर्स 


ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए ज़रूरी नहीं है कि छात्रों ने जो सब्जेक्ट 12वीं में पढ़ा है, वही आगे पढ़ें. वे पेंटिंग, सिंगिंग, योग और दूसरे विषयों में भी पढ़ाई कर सकते हैं. कई निजी विश्वविद्यालय अलग-अलग अनोखे विषयों में डिप्लोमा कोर्स देते हैं. यह ज़रूरी है कि छात्र यह देखें कि कोर्स UGC या AICTE से मान्यता प्राप्त है या नहीं. ग्राफिक डिजाइनिंग, फैशन डिजाइनिंग, इवेंट मैनेजमेंट, डिजिटल मार्केटिंग, फ़ोटोग्राफ़ी, नर्सिंग और शुरुआती बचपन की शिक्षा जैसे डिप्लोमा कोर्स करके छात्र एक साल का समय अच्छे से बिता सकते हैं. 


सर्टिफिकेट कोर्स


सर्टिफिकेट कोर्स, खासकर जो AICTE या किसी और सरकारी संस्था से मान्यता प्राप्त हैं, समय की बचत करते हैं और कामकाजी लोगों के लिए भी आसान होते हैं. अगर किसी छात्र को कोई संस्थान नहीं मिल रहा है और वह एक साल बचाना चाहता है तो सर्टिफिकेट कोर्स सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है. छात्र कई कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और यहां तक कि विदेशों से भी सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं.Engineering Job: इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स को क्यों हो रही है नौकरी मिलने दिक्कत? ये रहे 6 कारण