IAS Tanu Jain UPSC Success Story: भारत में लाखों उम्मीदवार यूपीएससी परीक्षा पास करके आईएएस अधिकारी बनने की ख्वाहिश रखते हैं. लेकिन इस परीक्षा को पास करके आईएएस बनने का सपना केवल कुछ ही उम्मीदवार पूरा कर पाते हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही उम्मीदवार के बारे में बतांगे, जिन्होंने डॉक्टरी छोड़ यूपीएससी की राह पकड़ी और आईएएस बनकर ही दम लिया. हालांकि, उन्होंने आईएएस पद पर साढ़े साल साल काम करने के बाद अपने लिए एक अलग राह चुनने का फैसला किया. 


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ग्रेजुएशन के दौरान शुरू की UPSC की तैयारी
दरअसल, हम बात कर रहे हैं 2015 आईएएस बैच की सदस्य डॉ. तनु जैन की. वह मूल रूप से दिल्ली के सदर इलाके की रहने वाली है. उन्होंने सुभारती मेडिकल कॉलेज से बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS) की डिग्री हासिल करने से पहले कैम्ब्रिज स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है. डेंटिस्ट की डिग्री हासिल करने के दौरान ही उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की भी तैयारी की और अंत में आईएएस अधिकारी बनने में सफल रहीं. 


दो महीने की तैयारी में क्रैक किया प्रीलिम्स
हालांकि, उनकी आईएएस बनने की यह यात्रा कई मुश्किलों से भरी थी. उन्होंने अपने पहले प्रयास में केवल दो महीने की तैयारी में ही यूपीएससी सिविल सेवा की प्रीलिम्स परीक्षा पास कर ली, लेकिन वे मेंस परीक्षा में पास नहीं हो पाईं. साल 2014 में अपने तीसरे प्रयास में, उन्होंने ऑल इंडिया 648वीं रैंक हासिल की.


लाखों लोग कर रहे फॉलो
अपनी सफलता के बाद, डॉ. तनु जैन ने खुद को कई सोशल इनिशिएटिव, मोटिवेशनल स्पीकिंग और राइटिंग के लिए समर्पित कर दिया. उन्होंने इंस्टाग्राम पर 840k से अधिक फॉलोअर्स जुटाए हैं, जहां उनके इस योगदान और अंतर्दृष्टि के लिए उनकी प्रशंसा की जाती है.


साढ़े सात बाद इसलिए छोड़ दिया पद
सिविल सेवा में साढ़े सात साल के सफल करियर के बावजूद, तनु जैन ने अपना पद छोड़ने और फुल टाइम टीचिंग पर ध्यान केंद्रित करने का साहसी निर्णय लिया. अपने निर्णय के बारे में बताते हुए, उन्होंने कहा, "सिविल सेवा में मेरी नौकरी संतोषजनक थी, लेकिन साढ़े सात साल तक लगन से काम करने के बाद, मैंने यूपीएससी की तैयारी में चुनौतियों को पहचाना. परीक्षा की तैयारी के संघर्षों का व्यक्तिगत रूप से सामना करने के बाद, मैं समझती हूं कि उम्मीदवारों को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. जीवन विकास के अवसर प्रदान करता है, और मेरे पति भी सिविल सेवा में हैं, इसलिए मुझे जोखिम उठाने और अपने जीवन में एक नया अध्याय शुरू करने की शक्ति मिली."