Akash Chavda Civil Services Examination: हर साल, यूपीएससी परीक्षा देश भर से हजारों छात्रों को अपनी ओर खींचती है. ये बेहद कठिन परीक्षा उन लोगों के लिए सरकारी नौकरी का दरवाजा खोलती है जो प्रशासनिक क्षेत्र में काम करना चाहते हैं. बहुत से छात्र अपनी तैयारी को मजबूत बनाने के लिए कोचिंग लेते हैं, लेकिन कई बार ये कोचिंग काफी महंगी होती है. फिर भी, कई लोग बिना कोचिंग के भी कड़ी मेहनत और सही रणनीति से भारत की इस सबसे कठिन परीक्षा को पास कर लेते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गुजरात के जामनगर के रहने वाले आकाश चावड़ा महज तीन साल के थे जब उनकी मां का निधन हो गया. उनके पिता खाड़ी देश में काम करते थे. वह अपनी नौकरी छोड़कर अपने बेटे की देखभाल के लिए नहीं आ सकते थे. न ही वह ऐसी स्थिति में थे कि अपने बेटे को साथ ले जा सकें. इसलिए, उन्हें अपने चार साल के बेटे को हॉस्टल में भेजने का विकल्प चुनना पड़ा. बहुत कम उम्र से ही आकाश अपने दम पर अकेले ही अपना जीवन जीने लगे. उनके पिता उनसे मिलने कम ही आ पाते थे.


अकाश के लिए बहुत दुख की बात थी, जब उन्हें पता चला कि उनके पिता भी नहीं रहे. तब वह सिर्फ 13 साल के थे और नौवीं क्लास में पढ़ रहे थे. उन्हें लगा कि अब उसे पूरी जिंदगी इस होस्टल में अनाथ की तरह रहना पड़ेगा, लेकिन अकाश की जिंदगी में उस वक्त खुशियां लौट आईं, जब उसके चचेरे भाई, जो ईंटों का काम करते थे, ने उसकी मदद की. उन्होंने अकाश को न सिर्फ अपने घर रहने की जगह दी बल्कि उनकी पढ़ाई पूरी करने और ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने में भी बहुत साथ दिया.


एक इंटरव्यू में आकाश ने बताया कि उनके कजिन उनके लिए सब कुछ थे. उन्होंने उसे न सिर्फ रहने की जगह दी बल्कि पढ़ाई में भी मदद की और उसे अपने ही बच्चे की तरह पाला. स्कूल की पढ़ाई गुजराती मीडियम से पूरी करने के बाद, आकाश ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. कॉलेज के दिनों में ही उसे अपने दोस्तों से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के बारे में पता चला. उसी दौरान, दो कमरे के छोटे से घर में रहते हुए, उन्होंने यूपीएससी की तैयारी भी शुरू कर दी.


आकाश ने अपना पहला अटेंप्ट 2019 में दिया था जब उन्होंने यूपीएससी प्रीलिम्स पास कर लिया था, लेकिन मेंस परीक्षा में सफल नहीं हो सके. इस असफलता के बाद उन्होंने गुजरात पीसीएस की तैयारी करने का फैसला किया. हालांकि, उन्हें वहां भी असफलता का सामना करना पड़ा.


पापा मैं जज बन गई... कानपुर की बिटिया ने किया कमाल, हरियाणा ज्यूडिशियरी परीक्षा में हासिल की 32वीं रैंक


लगातार असफलताओं के बाद आकाश ने हार नहीं मानी और यूपीएससी ग्रुप सी की परीक्षा दी. आखिरकार 2022 में वह पास हो गए और स्टेट टैक्स इंस्पेक्टर बन गए. अब जब उन्हें नौकरी मिल गई, तो उन्होंने फिर से यूपीएससी देने का विचार करना शुरू कर दिया. कड़ी तैयारी के साथ, आकाश फिर से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 के लिए उपस्थित हुए. इस बार उन्हें सफलता मिली क्योंकि उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 1007 हासिल करके यूपीएससी परीक्षा पास की.


फुल टाइम जॉब के साथ की UPSC की तैयारी, ऑल इंडिया 3rd रैंक हासिल कर बनी IAS