World QS Ranking: क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) द्वारा घोषित सब्जेक्ट 2024 के आधार पर वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में आईआईटी-दिल्ली को 45वीं रैंक के साथ इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी में ग्लोबल लेवल पर टॉप 50 इंस्टीट्यूशन्स में शामिल किया गया है. आईआईटी-दिल्ली को न केवल आठ सब्जेक्ट एरिया में टॉप 100 विश्व संस्थानों में स्थान दिया गया है, बल्कि यह सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और एनवायरमेंटल साइंस में भी भारत में टॉप स्थान रखता है.


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इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के तहत, आईआईटी-दिल्ली को पांच स्पेशिफिक सब्जेक्ट में दुनिया के टॉप 100 में शामिल किया गया है - सिविल और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग (रैंक 39), मैकेनिकल इंजीनियरिंग (50), इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग (55), कंप्यूटर साइंस और इन्फोर्मेशन सिस्टम ( 63), और केमिकल इंजीनियरिंग (86).


देश में, आईआईटी-दिल्ली सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में टॉप स्थान और मैकेनिकल इंजीनियरिंग और केमिकल इंजीनियरिंग में दूसरा स्थान रखता है.


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आईआईटी-दिल्ली के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के हैड वसंत मतसागर ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, "डिपार्टमेंट की एक्टिविटीज राष्ट्र के विकास में सार्थक योगदान देती हैं, डिजास्टर फ्लैक्सिबिलिटी की जरूरतों को पूरा करती हैं और भारत के नेशनल लेवल पर निर्धारित योगदान के अनुरूप प्रभावी क्लाइमेट एक्शन की सुविधा प्रदान करती हैं."


QS 2024 रैंकिंग में इंडियन यूनिवर्सिटी का दबदबा है. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी ने 20 साल की आयु में डेब्यू किया, जबकि आईआईटी बॉम्बे, खड़गपुर और मद्रास ने शानदार प्रदर्शन किया. 17% की बढ़ोतरी के साथ 30 एंट्रीज के साथ दिल्ली यूनिवर्सिटी सबसे आगे है.


आईआईएम-अहमदाबाद, आईआईएम-बैंगलोर और आईआईएम-कलकत्ता लीड कर रहे हैं. भारत के आईआईएम ने बिजनेस और मैनेजमेंट स्टडीज के लिए वर्ल्ड रैंकिंग में शानदार प्रदर्शन किया, जो शैक्षणिक परिदृश्य पर भारत के प्रभाव को उजागर करता है.


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