Right Age to Start Preparing For JEE: आईआईटी और अन्य इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन के लिए JEE कोचिंग शुरू करने की सही उम्र क्या है? पिछले कुछ सालों में इन एंट्रेंस एग्जाम के लिए बहुत अधिक प्रचार और प्रतिस्पर्धा के कारण, कुछ माता-पिता अपने बच्चों को कक्षा 6 से ही जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) की कोचिंग के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन क्या यह सही है?


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प्रसिद्ध सुपर 30 कोचिंग प्रोग्राम के संस्थापक आनंद कुमार ने इस विषय पर अच्छी सलाह दी है.


कोचिंग इंडस्ट्री पूरे भारत में तेजी से फैल रहा है, आकर्षक विज्ञापन माता-पिता को आकर्षित कर रहे हैं. कई माता-पिता मानते हैं कि ये कोचिंग कक्षाएं उनके बच्चे के भविष्य के लिए आवश्यक हैं. हालांकि, आनंद कुमार बच्चों को होने वाले संभावित नुकसान के बारे में चेतावनी देते हैं.


शुरुआती कोचिंग के नुकसान
आनंद कुमार बच्चों पर पढ़ाई के लिए अनावश्यक दबाव से बचने के महत्व पर जोर देते हैं. कई छात्र आईआईटी कोचिंग में जाते हैं, जहां फीस बहुत अधिक होती है, लेकिन वे वैल्यूएबल प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल हासिल नहीं कर पाते हैं.


उन्होंने कहा कि कोचिंग अक्सर सटीकता के बजाय स्पीड पर ध्यान केंद्रित करती है, जिससे छात्र क्रिएटिव तरीके से प्रश्नों को हल करना या इनोवेटिव सॉल्यूशन डेवलप करना सीखे बिना ही बार-बार होने वाली समस्याओं को हल कर लेते हैं. बच्चों को समय से पहले कोचिंग में भेजने के बजाय, वह उनके साथ दोस्त की तरह जुड़ने और उनकी जिज्ञासा को बढ़ावा देने का सुझाव देते हैं.


वे कहते हैं, "हमारे देश में साइंस एंड टेक्नोलॉजी की फील्ड में जितना इनोवेशन होना चाहिए, उतना अभी नहीं हो रहा है."


JEE कोचिंग शुरू करने की सही उम्र क्या है?
आनंद कुमार के अनुसार, किसी बच्चे को कक्षा 10वीं के बाद ही JEE कोचिंग शुरू करनी चाहिए, ताकि उसे पहले उसे स्कूलवर्क और होमवर्क पर ध्यान केंद्रित करने का मौका मिले. वे कहते हैं कि कक्षा 1, 2 या 6 से कोचिंग क्लास शुरू करने से उनकी पढ़ाई में रुचि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. वे कहते हैं, "छात्रों में डिप्रेशन आम बात हो गई है, क्योंकि कुछ लोग दबाव से निपटने के लिए संघर्ष करते हैं. उन्हें सकारात्मक रूप से आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और याद दिलाया जाना चाहिए कि कम अंक उनकी योग्यता को परिभाषित नहीं करते हैं."


IIT JEE की तैयारी के लिए सुझाई गई समयसीमा
IIT प्रवेश परीक्षा की तैयारी का आधार कक्षा 8 से शुरू होता है, लेकिन इसके लिए कोचिंग क्लास जॉइन करने की कोई आवश्यकता नहीं है. आमतौर पर कोचिंग की शुरुआत कक्षा 11 और 12 के छात्रों से होती है.


कक्षा 8-10 के छात्रों के लिए ध्यान देने योग्य बातें: मैथ और साइंस में मजबूत नींव बनाने पर ध्यान दें, ओलंपियाड और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लें और आईआईटी के लिए महत्वपूर्ण स्किल डेवलप करें, जैसे प्रॉब्लम सॉल्विंग और लॉजिकल रीजनिंग.


कक्षा 11-12 के छात्रों के लिए ध्यान देने योग्य बातें: आईआईटी की तैयारी के लिए विशेष रूप से कोचिंग पर विचार करें, जेईई मेन और एडवांस की तैयारी करें. जेईई एग्जाम पैटर्न और सिलेबस को समझें और उसके अनुसार तैयारी करें. जेईई मेन मॉक टेस्ट और सैंपल पेपर से अभ्यास करें.