कॉम्पिटिशन एग्जाम हो या बोर्ड एग्जाम की हो तैयारी, लंबे स्टडी सेशन से बचें, जाने क्यों जरूरी है छोटे-छोटे ब्रेक
Short Study Break: लंबे स्टडी सेशन से बोरियत महसूस होने के साथ ही आपको स्ट्रेस भी होता है. ऐसे और भी कई कारण है. चलिए जानते हैं कि क्यों लगातार पढ़ाई के घंटों के दौरान थोड़ा रुककर आराम करना जरूरी है....
Why Short Study Breaks Important: किसी भी काम को लगातार करो तो व्यक्ति ऊबने लगता है या फिर बहुत ज्यादा थक जाता है. यह बिल्कुल वैसे ही जैसे आप बना ब्रेक लिए लगातार कार ड्राइव करते जा रहे हैं. ऐसे में लाजिमी है कि लगातार कई घंटों तक गाड़ी चलाने से आप थक जाएंगे, जिससे यह होगा कि फिर आपर ध्यान भटकेगा और हादसा होने की संभावना बढ़ जाएगी. ठीक उसी तरह अगर कोई लगातर घंटों बैठकर पढ़ाई करता हैं, तो उसके साथ भी ऐसा ही कुछ होगा, जिससे लगातर बैठे रहने से कई परेशानियां भी बढ़ेंगी और हो सकता है आप मन मुताबिक नतीजे भी ना आए. ऐसे कई कारण है, जो बताते हैं कि आखिर क्यों लंबे स्टडी सेशन के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लेते रहना चाहिए.
बढ़ता है फोकस और कॉन्स्ट्रेशन
किसी भी कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी या फिर बोर्ट एग्जाम की पढ़ाई के दौरान बिना ब्रेक के लंबे स्टडी सेशन बहुत ही ज्यादा थकाऊ और कम प्रभावी हो सकते हैं. ऐसे में बीच-बीच में रुककर थोड़ा आराम करने किसी भी चीज पर फोकस बढ़ाने में बहुत मदद मिलती है. इन छोटे-छोट ब्रेक से आपको कॉन्स्ट्रेशन के साथ अपनी पढ़ाई करने बहुत हेल्प मिल सकती है, जिससे ओवरऑल प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी.
मेंटल हेल्थ
लगातार पढ़ाई करने से मेंटली टायर्डनेस हो सकती है, छोटे-छोटे ब्रेक लेने से ब्रेन को आराम मिलता है, जिससे मानसिक तौर पर होने वाली थकावट को आसानी से कम कर सकते हैं. किताबों से कुछ देर अलग होने से क्रिएटिविटी को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे ब्रेक से लौटने पर अलग-अलग परस्पेक्टिव से प्रॉब्लम सॉल्व कर सकते हैं.
कम होता है स्ट्रेस
ब्रेक लेने से ब्रेन को जानकारी प्रोसेस करने और कंसोलिडेट करने की मौका मिलता है, जिससे मेमोरी रेटेंशन और समझने में सुधार होता है.इसके साथ ही सीखने की क्षमता में सुधार होता है. इशके साथ ही रेग्यूलर ब्रेक आराम करने और स्ट्रेसफ्री होने का समय देता है. इससे तनाव के स्तर को कम करने में मदद मिलती है.
इम्प्रूव मूड
ब्रेक लेने से मूड और मोटिवेशन बढ़ सकती है, जिससे स्टडी सेशन ज्यादा मजेदार हो जाएगा और काम-काज कम हो जाएगा. साथ ही एक बैलेंस स्टडी रूटीन बनाने, हेल्थ और ज्यादा इफेक्टिव स्टडी हैबिट्स बनती है.
प्रॉब्लम-सॉल्विंग स्किल
ब्रेक लेने से जटिल समस्याओं को नए परस्पेक्टिव और बेहतर प्रॉब्लम-सॉल्विंग स्किल के साथ देखने के लिए जरूरी मेंटल डिस्टेंस मिलता है. शॉर्ट ब्रेक से बड़ी मात्रा में जानकारी इकट्ठी नहीं करनी पड़ती. किसी भी सब्जेक्ट या टॉपिक को ज्यादा मैनेजेबल चंक्स में निपटाया जा सकता है.