Ojha Sir in AAP: अवध ओझा का सपना था कि वह देश की सेवा करें, एक आईएएस अधिकारी बनें. उनके पिता ने इस सपने को साकार करने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया. उन्होंने दिल्ली में पढ़ाई के लिए जमीन बेची. ओझा ने कड़ी मेहनत की, प्रीलिम्स तो निकाल लिया, लेकिन मेन्स में थोड़ा सा किस्मत ने साथ नहीं दिया. अब वह अपनी इस जर्नी के एक्सपीरिएंस से दूसरों को सिविल सेवा की तैयारी में मदद कर रहे हैं.


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अवध ओझा यूपीएससी कैंडिडेट्स को इतिहास पढ़ाते हैं. छात्रों का मानना ​​है कि ओझा सर से बेहतर इतिहास कोई नहीं पढ़ा सकता. आज कई यूपीएससी कैंडिडेट ओझा सर को एक अच्छे यूपीएससी कोच और टीचर के रूप में देखते हैं और उनसे बहुत कुछ सीखते हैं.


40 साल के अवध ओझा उत्तर प्रदेश के गोंडा के रहने वाले हैं और यूपीएससी कैंडिडेट्स के बीच ओझा सर के नाम से मशहूर हैं. बहुत कम लोगों को पता होगा कि ओझा सर का पूरा नाम अवध प्रताप ओझा है. उनका जन्म 3 जुलाई 1984 को हुआ था और उनके पिता का नाम श्रीमाता प्रसाद ओझा है. ओझा सर के पिता गोंडा में पोस्टमास्टर के पद पर काम करते थे और उनकी पढ़ाई को लेकर चिंतित रहते थे. श्रीमाता प्रसाद ओझा ने ओझा सर की मां की पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए जमीन तक बेच दी थी. इसके बाद वह वकील बन गईं.


अवध प्रताप ओझा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गोंडा से ही की. गोंडा के इस टीचर ने अपने कई इंटरव्यू में बताया है कि बचपन में वे काफी शरारती हुआ करते थे. ओझा सर के स्कूल के प्रिंसिपल ने भी उनके परिवार के सदस्यों से स्कूल में उनके व्यवहार के बारे में शिकायत की थी. उन्होंने यह भी बताया कि स्कूल में उनके अनुशासनहीन व्यवहार के कारण उनकी मां ने कई बार उनकी पिटाई की थी. अवध ओझा ने गोंडा के फातिमा इंटर कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. उनके पास इतिहास में ग्रेजुएशन, हिंदी साहित्य में MA, बैचलर ऑफ मास्टर ऑफ फिलॉसफी, हिंदी साहित्य में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) की डिग्री है.


अवध ओझा ने अपनी मां से झगड़ा किया था, क्योंकि वह पिछले अटेंप्ट में यूपीएससी पास नहीं कर पाए थे. मीडिया से बातचीत में गोंडा के रहने वाले इस शिक्षक ने बताया कि उनकी मां ने उनकी असफलता को लेकर उन्हें ताना मारा था, जिसके बाद उन्होंने घर छोड़ दिया था.


सिविल सर्विस कोचिंग टीचर और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा सोमवार को पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल और वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया की उपस्थिति में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. ओझा ने पार्टी में शामिल होने के बाद कहा, "मैं अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे राजनीति में शिक्षा के क्षेत्र में काम करने का मौका दिया."


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