UPSC Success Story: आईएएस अधिकारी टीना डाबी ने 2015 में अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की और तब से ही सुर्खियों में हैं. उनकी छोटी बहन रिया डाबी ने 2020 में यूपीएससी परीक्षा में 15वीं रैंक हासिल करके उनके नक्शेकदम पर चलते हुए सुर्खियां बटोरीं. फिर, 2022 में, एक अन्य फीमेल कैंडिडेट इशिता किशोर ने यूपीएससी परीक्षा में टॉप करके सुर्खियां बटोरीं. दिलचस्प बात यह है कि इन यूपीएससी टॉपर्स में एक आम बात यह है कि इन सभी को उनकी तैयारी के दौरान मार्गदर्शन करने वाला एक ही गुरु मिला था.


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टीना डाबी, रिया डाबी और इशिता किशोर अपनी सफलता का क्रेडिट न केवल अपनी कड़ी मेहनत को देती हैं, बल्कि अपने यूपीएससी मेंटर शुभ्रा रंजन के मार्गदर्शन को भी देती हैं. टीना और इशिता दोनों ने कई इंटरव्यू में शुभ्रा रंजन को सार्वजनिक रूप से धन्यवाद दिया है, अपनी कृतज्ञता व्यक्त की है और अपनी उपलब्धियों का क्रेडिट उनकी कोचिंग और समर्थन को दिया है. शुभ्रा रंजन, जिन्हें शुभ्रा देशमुख के नाम से भी जाना जाता है, यूपीएससी कम्युनिटी में सबसे प्रसिद्ध टीचर्स में से एक हैं. वह अपना खुद का कोचिंग संस्थान चलाती हैं और यूपीएससी परीक्षा के लिए युवा उम्मीदवारों की तैयारी के लिए समर्पित एक वेबसाइट भी चलाती हैं.


शुभ्रा रंजन कौन हैं?
शुभ्रा रंजन उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले की रहने वाली हैं. उन्होंने टीना डाबी, रिया डाबी और इशिता किशोर जैसे टॉप स्कोरर को यूपीएससी परीक्षा में सफल होने के लिए मार्गदर्शन किया है. शुभ्रा रंजन, शुभ्रा रंजन आईएएस कोचिंग की संस्थापक हैं और यूपीएससी उम्मीदवारों के बीच काफी पॉपुलर हैं. पिछले कुछ सालों में उन्होंने कई रैंक धारकों को सरकारी नौकरियों की तैयारी में मदद की है, पॉलिटिकल साइंस, इंटरनेशनल रिलेशन और अन्य सब्जेक्ट पढ़ाए हैं.


दिल्ली यूनिवर्सिटी में किया टॉप
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुभ्रा रंजन ने खुद कभी यूपीएससी परीक्षा नहीं दी, लेकिन वह हमेशा एक असाधारण छात्रा थीं. 25 से ज्यादा साल के टीचिंग एक्सपीरिएंस के साथ, उन्हें अपने क्षेत्र में एक शीर्ष शिक्षिका माना जाता है. 1994 में, उन्होंने देश के टॉप विश्वविद्यालयों में से एक दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) से पॉलिटिकल साइंस में बीए ऑनर्स पूरा किया. इसके बाद उन्होंने उसी विश्वविद्यालय से 1998 में राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध में एमए पूरा किया. वह UGC JRF (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) स्कॉलर भी थीं. शुभ्रा रंजन ने अपनी पढ़ाई में शानदार प्रदर्शन किया, दिल्ली विश्वविद्यालय में अपने बीए और एमए दोनों कोर्सेज में टॉप रैंक हासिल की.



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खुद यूपीएससी की परीक्षा नहीं दी
यूपीएससी उम्मीदवारों को कोचिंग देने में उनकी गहरी भागीदारी के बावजूद, शुभ्रा रंजन ने कभी खुद यूपीएससी परीक्षा नहीं दी. दिल्ली यूनिवर्सिटी में अपने समय के बाद, उन्होंने कई साल तक यूनिवर्सिटी में पढ़ाया. उन्हें उत्तर प्रदेश उच्च आयोग के लिए भी चुना गया था, जो उच्च, माध्यमिक और बुनियादी शिक्षा के लिए टीचर्स की भर्ती की देखरेख करता है. इसके अलावा, उन्होंने राज्य के कुछ स्कूलों में पढ़ाया है. शुभ्रा रंजन के मुताबिक, यूपीएससी परीक्षा ने उन्हें पर्सनल रूप से कभी आकर्षित नहीं किया, लेकिन उनका जुनून इस प्रतिष्ठित परीक्षा के लिए दूसरों को तैयार करने में है.


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