World Hindi Day: जब संयुक्त राष्ट्र में गूंजी अपनी हिंदी, फिर दशकों बाद मनमोहन सिंह ने लिया बड़ा फैसला
Vishwa Hindi Diwas: विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य भाषा के बारे में जागरूकता बढ़ाना, इसके उपयोग को बढ़ावा देना और इस भाषा में विद्वानों और लेखकों के योगदान को याद करना है.
World Hindi Day 2025 Theme: सन था 1977 और संयुक्त राष्ट्र महासभा का 32वां सेशन था. वह जमाना था जब दुनिया दो धुरी में बंटी थी और भारत की भूमिका नगण्य थी. भारत में कांग्रेस सरकार को हटाकर जनता पार्टी की सरकार आई थी पर विदेश नीति में अब भी निरंतरता थी. लेकिन अब एक इतिहास रचा जाने वाला था. मोरारजी देसाई की जनता पार्टी सरकार सत्ता में थी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री. संयुक्त राष्ट्र महासभा में उनका पहला संबोधन था और उन्होंने अपनी बात हिंदी में कहने का फैसला किया. तब पहली बार ऐसा हुआ कि संयुक्त राष्ट्र में हिंदी गूंजी.
उन्होंने भारत में लगे आपातकाल और लोकतंत्र के हनन पर कहा, 'जनता सरकार को शासन की बागडोर संभाले केवल 6 महीने हुए हैं फिर भी इतने अल्प समय में हमारी उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं. भारत में मूलभूत मानवाधिकार पुन: प्रतिष्ठित हो गए हैं. जिस भय और आतंक के वातावरण ने हमारे लोगों को घेर लिया था वह अब दूर हो गया है. ऐसे संवैधानिक कदम उठाए जा रहे हैं जिनसे ये सुनिश्चित हो जाए कि लोकतंत्र और बुनियादी आज़ादी का अब फिर कभी हनन नहीं होगा.'
इन शब्दों के साथ समाप्त किया था भाषण
अपने भाषण को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने इन शब्दों में समाप्त किया, "मैं भारत की ओर से इस महासभा को आश्वासन देना चाहता हूं कि हम एक विश्व के आदर्शों की प्राप्ति और मानव कल्याण तथा उसके गौरव के लिए त्याग और बलिदान की बेला में कभी पीछे नहीं रहेंगे. जय जगत! धन्यवाद." लगभग 48 साल पहले एक अंतरराष्ट्रीय पटल पर हिंदी में भाषण देकर वाजपेयी ने भारत के आत्मविश्वास को नई ऊंचाई दी.
करीब 50 साल पुराना है इतिहास
इस दिन का इतिहास करीब 50 साल पुराना है. सबसे पहले 1975 में इंदिरा गांधी ने विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया था. इस महासम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हए थे. यह सम्मेलन महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित किया गया था. वहीं 10 जनवरी 2006 को पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से विश्व हिंदी दिवस मनाया गया था. इसके बाद से हर साल इसे वैचारिक भाषा के रूप में प्रचार प्रसार करने के लिए 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है.
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इस साल की क्या ही थीम?
हर साल हिंदी दिवस अलग अलग थीम पर मनाया जाता है. इस बार विश्व हिंदी दिवस 2025 की थीम हिंदी एकता और सासंकृतिक गौरव की वैश्विक आवाज है. भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली 20 भाषाओं में हिंदी भाषियों की संख्या 60 करोड़ से ज्यादा है. चौंकाने वाली बात यह है कि भारत के बाहर विदेशों में भी हिंदी का डंका बज रहा है. आज अमेरिका, जर्मनी, कनाडा एवं इंग्लैंड समेत फिजी, युगांडा, मॉरिशस, त्रिनिदाद, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका और नेपाल समेत 20 से अधिक देशों में हिंदी बोली और पढ़ी जा रही है.
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