Death Ban In These Cities Of World: जो प्राणी जन्म लेकर इस दुनिया पर आया है, एक समय बाद उसकी मृत्यु भी निश्चित है. यह जीवन की एक ऐसी सच्चाई है, जिसे झुटलाया नहीं जा सकता है. चाहे कोई कितना भी अमीर या ताकतवर क्यों न हो, अपनी मौत को नहीं टाल सकता है. दुनियाभर में मौजूद हर एक जगह पर, हर धर्म में अलग-अलग रीति-रिवाजों के अनुसार शव का अंतिम संस्कार किया जाता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वहीं, आपको जानकर हैरानी होगी कि विश्व में कुछ ऐसी भी जगहें हैं, जहां किसी के भी मरने पर बैन लगाया गया है. यह अजीबोगरीब आपको अजीब लग रहा हो, लेकिन यह सच है. आइए जानते हैं दुनिया के किन शहरों में मरने पर प्रतिबंध लगा हुआ है और इसके पीछे क्या कारण हैं...


इत्सुकुशिमा, जापान (Itsukushima, Japan)
यह जापान का एक छोटा सा द्वीप है, जो धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 1868 तक यहां पर लोगों को मरने या जन्म देने की अनुमति नहीं थी. आज भी इस द्वीप पर कोई कब्रिस्तान और हॉस्पिटल भी नहीं है.


लैंजारोट, स्पेन (Lanzarote, Spain)
स्पेन के लैंजारोट का कब्रिस्तान अक्सर भरा रहता था, जिसके कारण साल 1999 में ग्रेनाडा प्रांत के गांव के मुखिया ने कब्रिस्तान में शव दफनाने का बहिष्कार किया था. यह राजनीति के तहत लिया गया कदम ऐतिहासिक घटना साबित हुई और जब तक नगरपालिका को नया कब्रिस्तान नहीं मिला, प्रांत की 4,000 आबादी ने एक छोटे से कब्रिस्तान का उपयोग किया.


कुग्नॉक्स, फ्रांस (Cugnaux, France)
फ्रांस के कुग्नॉक्स शहर के मेयर को साल 2007 में नए कब्रिस्तान की परमिशन नहीं मिली, तब उन्होंने मौत पर ही प्रतिबंध लगा दिया था. बाद में उन्होंने अपने स्थानीय कब्रिस्तान को विस्तृत कर दिया था और इसके बाद उस बैन को हटा दिया गया था.


लॉन्गइयरव्येन, नॉर्वे (Longyearbyen, Norway)
नॉर्वे का यह छोटा-सा शहर कोयला खनन के लिए मशहूर है. यहां भी लोगों की मृत्यु को या शव को दफनाना कानूनन जुर्म है. दरअसल, ये शहर आर्कटिक सर्कल के पास है, जहां का मौसम सर्द है, जिससे शव को सड़ने से बचाया जाता है, लेकिन इससे संक्रमित रोगों का खतरा भी बढ़ता है. ऐसे में यहां किसी की मृत्यु होने पर शव को नॉर्वे के अन्य शहरों में ले जाना होता है. 


ले लवंडौ, फ्रांस (Le Lavandou, France)
फ्रांस इस शहर में मेयर को एक नया कब्रिस्तान बनवाने की परमिशन नहीं मिली थी. जानकारी के मुताबिक साल 2000 में इस कानून के बनने के बाद यहां मौत पर बैन लगा दिया गया था.