IAS Medha Roopam Success Story: केरल की स्टेट शूटिंग चेंपियनशिप में खेलकर तीन गोल्ड़ मेडल जीतने के साथ केरल स्टेट का रिकॉर्ड ब्रेक भी उन्होंने किया. केरल कैडर के आईएएस पिता से प्रेरणा लेकर आईएएस अफसर बन गईं इस आईएएस अफसर के पति भी एक आईएएस अफसर है, यह भी एक इत्तेफाक है कि दोनो पति-पत्नी उत्तर प्रदेश कैडर और 2014 बैच के आईएएस अफसर है. मसूरी से लेकर उन्नाव तक का सफर एक साथ रहा. जी हां हम बात कर रहे है आईएएस अफसर मेधा रूपम की. 


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मेधा रूपम का जन्म आगरा में हुआ था. इनके पिता ज्ञानेश गुप्ता आईएएस अफसर है. मेधा रूपम की छोटी बहन का नाम अभिश्री है. पिता की केरल पोस्टिंग होने के कारण मेधा रूपम की पढ़ाई वहीं पर हुई. सन 2008 में 12वीं के पढ़ाई के दौरान मेधा रूपम ने शूटिंग में अपना हाथ आजमाना शुरू कर दिया था. 10 मीटर की एयर रायफल पीपी साइट में ट्रेनिंग ली. उसके बाद मेधा रूपम ने केरल की स्टेट शूटिंग चैपिंयनशिप में भाग लिया और तीन गोल्ड मेडल जीतने के साथ केरल स्टेट का रिकॉर्ड ब्रेक किया.


उसके बाद केरल से मेधा रूपम ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गई थीं. उन्होंने विश्वविद्यालय स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के साथ 2009 में नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लिया. उसके बाद मेधा रूपम ने सिविल सर्विस की तैयारी की वजह से शूटिंग को छोड़ दिया था. मेधा रूपम सिविल सर्विस की परीक्षा को पास कर 2014 बैच की आईएएस अफसर बन गईं. मेधा ने आईएएस अफसर बनने की प्रेरणा अपने पिता से ही ली थी.


मेधा रूपम की मसूरी में 4 जून 2015 तक ट्रेनिंग हुई. मेरठ के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर रहते हुए बागपत के जौहड़ी में हुई शूटिंग चैंपियनशिप में मेधा रूपम ने गोल्ड मेडल जीतकर अपने पुराने हाथ दिखाए थे. मेरठ से उन्नाव में भी आईएएस मेधा रूपम ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद ही तैनात रहीं. IAS मेधा रूपम लखनऊ में यू.पी.ए.ए.एम के ज्वाइंट डायरेक्टर के पद रहीं. 17 नवंबर 2018 को UPAAM का ज्वाइंट डायरेक्टर के साथ-साथ महिला कल्याण विभाग का विशेष सचिव बनाया गया. आईएएस मेधा रूपम को 12 फरवरी 2019 को लखनऊ से ट्रांसफर होकर जनपद बाराबंकी के मुख्य विकास अधिकारी के पद पर कमान मिली. आईएएस मेघा रूपम अभी बाराबंकी में ही कार्यरत है.


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