जीव-जंतुओं की भाषा और व्यवहार समझने में रखते हैं दिलचस्पी? इसमें भी मिलती है डिग्री, इतना करना होगा खर्च
Weird Course: अगर आप जानवरों और कीड़े मकोड़ों का व्यवहार समझने में इंट्रेस्टेड है तो अब इसमें डिग्री कोर्स भी कर सकते हैं. इन जीव जंतुओं में चींटी से लेकर कॉकरोच तक शामिल हैं. जानें इस अजीबोगरीब कोर्स के बारे में...
Weird Course: आजकल लोग कुछ हटके करना चाहते हैं. करियर को लेकर भी युवाओं की कुछ यही सोच है. साधारण डिग्री कोर्सेस की बजाए वह कुछ ऐसा करना चाहते हैं, जिसमें कुछ अलग होने के साथ ही मोटा पैसा कमाया जा सकें. वैसे आजकल युवा अपनी रुचि को तवज्जो देते हैं. इसलिए लोग अपने इंट्रेस्ट के मुताबिक तरह-तरह के स्पेशलाइज्ड कोर्स कर रहे हैं. अब तक आपने कई तरह के स्पेशलाइजेशन कोर्सेस के नाम सुने होंगे.
दुनिया भर में ऐसे ऐसे अजीबोगरीब प्रकार के डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेस की भरमार है कि जिनके बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं होगा. इसी तरह का एक कोर्स है, जिसमें आप जीव-जंतुओं, यहां तक कि छोटे-बड़े हर तरह के कीड़े-मकोड़ों के व्यवहार को समझने की कोशिश करते हैं. इस कोर्स को करने में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. हालांकि, इस कोर्स की फीस के बारे में जानकर आप हैरान रह जाएगा. आइए जानते हैं इस वियर्ड कोर्स के बारे में...
एनिमल बिहेवियर एंड साइकोलॉजी कोर्स
यह एनिमल बिहेवियर एंड साइकोलॉजी का कोर्स है, जो कोर्स ब्रिटेन की चेस्टर यूनिवर्सिटी में कराया जाता है. 3 वर्षीय इस कोर्स को करने वाले स्टूडेंट्स को बीएससी की डिग्री मिलती है. इस फुल टाइम कोर्स के तहत स्टूडेंट्स को कीड़े-मकोड़ों का बिहेवियर समझने की शिक्षा दी जाती है. अब इस कोर्स को करने के बाद कौन सी जॉब मिलेगी और इसका स्कोप क्या है, इसके बारे में तो पूरी डिटेल जानने के लिए आपको चेस्टर यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट करना होगा.
कोर्स की फीस
जितना अजीबोगरीब यह कोर्स है, इसकी फीस भी हैरान कर देने वाली है. एनिमल बिहेवियर एंड साइकोलॉजी में बीएससी ऑनर्स करने के लिए यूनिवर्सिटी आफ चेस्टर अच्छी खासी फीस विदेशी छात्रों लेता है. इसका मतलब है कि कोई भारतीय यह कोर्स करना चाहते हैं तो उसे करीब 12 लाख रुपये सालाना और पूरी डिग्री के लिए 36 लाख रुपये की मोटी फीस भरती होगी. यह कोर्स पार्ट टाइम भी किया जा सकते हैं, जिसके लिए 7 साल लगते हैं.
जानें क्या सिखाते हैं इस कोर्स में
1.जानवरों और कीड़े-मकोड़े बदलते प्राकृतिक वातावरण में किस तरह का व्यवहार इंसानों के आसपास करते हैं.
2.स्टूडेंट्स को शिक्षा दी जाती है कि उन्हें जीव-जंतुओं के संरक्षण के लिए क्या करना चाहिए.
3.इस कोर्स में यह भी बताया जाता है धरती के संतुलन को बनाए रखने के लिए जीव-जंतुओं का संरक्षण कितना ज्यादा जरूरी है .
4.इस डिग्री को पूरा करने के बाद ज्यादातर छात्रों को जीव वैज्ञानिक बनने में मदद मिलती है
5.स्टूडेंट्स को जंगलों में इन जीव-जंतुओं पर स्टडी करने का मौका मिलता है.