Cyber Slaves: लेटेस्ट टक्नोलॉजी ने जहां लोगों लोगों की छोटी-बड़ी हर तरह की परेशआनी का हल दिया है, वहीं उनके लिए कई समस्याएं भी खड़ी कर दी है. साइबर ठग पूरी दुनिया के लिए बड़ी परेशानी बनती जा रही है. इसके कारण अब नौकरी की तलाश रहे लोगों के मुश्किल में पड़ने की घटनाएं सामने आ रही हैं, क्योंकि ऑनलाइन स्कैम करने वालों ने नौकरी ढूंढने वाले लोगों के लिए साइबर गुलामीजाल बिछाना शुरू कर दिया है, जिस साइबर गुलामी के नाम से जाना जा रहा है. आइए जानते हैं कि कैसे लोगों को गुलामी के जाल में फंसाकर उनसे साइबर ठगी कराई जा रही है. 


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क्या है साइबर गुलाम?
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार रवि नामक एक युवक को किडनैप किया गया. रवि का अपहरण थाईलैंड से किया गया था. इसके बाद थाईलैंड के एक सीमावर्ती शहर माए सोत के पास किसी नदी के पार ले जाकर उन्हें ऑनलाइन स्कैम करने वाले चीनी भाषी लोगों के शिविर में बेच दिया गया था. इन शिविरों में तस्करी किए गए लोगों को ऑनलाइन स्कैम करने पर मजबूर किया जाता है. इतना ही नहीं उन लोगों से कई घंटों तक काम करवाया जाता है.


कैसे करवाते हैं ऑनलाइन स्कैम?
रिपोर्ट के मुताबिक किडनैप करके इन लोगों की फर्जी आईडी बनाकर इन्हें एक महिला की तरह पेश किया जाता है, जिनका काम अमेरिका और यूरोप में अकेले रह पुरुषों को बरगलाना होता था. जैसे ही कोई शख्स इनके झांसे में आता तो उससे एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर बड़ी रकम इन्वेस्ट करने को कहा जाता, ये प्लेटफॉर्म फर्जी होते हैं. 


ना करने पर किया जाता है ऐसा बर्ताव
खबरों के मुताबिक एशिया, पूर्वी अफ्रीका, साउथ अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के ऐसे लोग होते हैं, जो नौकरी की तलाश कर रहे होते हैं. साइबर ठगों द्वारा ऐसे ही कई युवक-युवतियों को जॉब का लालच देकर इन शिविरों तक पहुंचाने का जाल बिछाया जाता है. अगर कोई उनका साथ देने से इनकार करता है तो उसे मार-पीट कर डराया जाता या शारीरिक रूप से टॉर्चर किया जाता है. 


रिपोर्ट के मुताबिक इन शिविरों के चंगुल में फंसने वाली महिलाओं के साथ गैंगरेप किया जाता है. इतना ही नहीं उन्हें कई दिनों तक ऐसी जगह पर कैद कर दिया जाता है, जहां पीने के लिए गंदा पानी और खाना दिया जाता था.