How To Become Indian Navy Agniveer: अगर आप भारतीय सेना में नौकरी करना चाहते हैं तो अग्निवीर भर्ती के जरिए आपके पास सेना में सेवा देने का एक बेहतर विकल्प है. इंडियन आर्मी और एयर फोर्स में आपने अग्निवीर भर्ती के बारे में सुना ही होगी. इसी तरह से इंडियन नेवी में भी अग्निवीरों की भर्तियां होती हैं. यहां हम जानेंगे कि अग्निवीर भर्ती के जरिए आप नौसेना में किस तरह से शामिल हो सकते हैं. 


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नौसेना में अग्निवीर बनने के दो विकल्प
10वीं के बाद अग्निवीर मैट्रिक रिक्रूट (MR) भर्ती होती है. वहीं, 12वीं के बाद अग्निवीर सीनियर सेकेंडरी रिक्रूट (SSR) भर्ती होती है. इन दोनों भर्तियों के तहत मेल और फीमेल दोनों ही कैंडिडेट्स अप्लाई कर सकते हैं.


इंडियन नेवी अग्निवीर बनने के लिए जरूरी योग्यता
अग्निवीर एमआर भर्ती 

भारतीय नौसेना में अग्निवीर एमआर के तौर पर भर्ती होने के बाद चयनित कैंडिडेट्स की नियुक्ति मुख्य तौर पर ऑफिसर्स मेस में वेटर के रूप में होती है. इसमें भोजन परोसने, हाउसकीपिंग फंड्स अकाउंटिंग, वाइन एवं स्टोर और मेनू तैयार करने जैसे कार्य करने होते हैं.


इसके अलावा चयनित होने वाले सभी कैंडिडेट्स को वेपन ट्रेनिंग भी मिलती है. अग्निवीर एमआर बनने के लिए योग्यता 10वीं पास और आयु सीमा 17½ -21 तक साल होनी चाहिए. ध्यान रहे इन पदों के लिए अनमैरिड कैंडिडेट्स ही आवेदन कर सकते हैं. इन पदों के लिए पुरुषों की न्यूनतम लंबाई 157 सेमी और महिलाओं की 152 सेमी होनी चाहिए.


अग्निवीर एसएसआर भर्ती 
अग्निवीर एसएसआर भर्ती के तहत चयनित होने वाले कैंडिडेट्स हायर टेक्नीकल ऑर्गनाइजेशन का हिस्सा बनते हैं. अग्निवीर एसएसआर के तौर पर चयन होने वाले उम्मीदवारों को एयरक्रॉफ्ट करियर, गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर्स एवं फ्रिग्रेट्स, रिप्लेनिशमेंट शिप्स और सबमरीन्स पर काम करने का अवसर मिलता है.


इंडियन नेवी में अग्निवीर एसएसआर भर्ती के तहत आवेदन के लिए कैंडिडेट्स को फिजिक्स और मैथ्स के साथ केमिस्ट्री/बायोलॉजी/सीएस में 12वीं पास होना चाहिए. इसके लिए भी अविवाहित उम्मीदवारों की आयु सीमा 17½ साल से 21 के बीच होनी चाहिए. पुरुषों की न्यूनतम लंबाई 157 सेमी और महिलाओं की 152 सेमी होनी चाहिए.


यहां मिलती है नेवी अग्निवीर की ट्रेनिंग
इंडियन नेवी के अग्निवीरों की ट्रेनिंग आईएनएस चिल्का (सेलर ट्रेनिंग इस्टेब्लिशमेंट), ओडिशा में होती है. यहां अग्निवीरों को छह माह की ट्रेनिंग दी जाती है. इसके बाद आगे की ट्रेनिंग और सर्विस के लिए उनकी यूनिट्स में पोस्टिंग कर दी जाती है. अग्निवीर के तौर पर 4 साल की सर्विस, जिसमें ट्रेनिंग पीरियड भी शामिल हैं, के बाद 25 फीसदी कैंडिडेट्स की स्थायी तौर पर नियुक्ति की जाती है.