UPPSC Success Story: जब मेहनत करने के बाद सफलता मिलती है तो उसकी सब कद्र करते हैं. आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे ही यूपी पुलिस के कॉन्स्टेबल की जिसने 14 साल मेहनत की और एसडीएम का पद हासिल किया. हम बात कर रहे हैं श्याम बाबू की. श्याम बाबू ने साल 2016 में यूपीपीसीएस का एग्जाम दिया था. जब रिजल्ट आने के बाद श्याम बाबू की लाइफ एकदम बदल गई थी. श्याम बाबू का इसमें सेलेक्शन हो गया था और उनकी 52वीं रैंक आई और वो एसडीएम बन गए. 


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श्याम बाबू की सफर की बात करें तो वह आसान नहीं था. श्याम बाबू का साल 2005 में युपी पुलिस में सेलेक्शन हुआ था. इसके बाद उन्होंने अपने बड़े भाई उमेश को भी पढ़ाया और इसका फल भी उन्हें मिला. क्योंकि श्याम बाबू के बडे़ भाई भी अफसर हैं. श्याम बाबू ने यहां तक पहुंचने के लिए 14 साल इंतजार किया. जब पुलिस में श्याम बाबू की नौकरी लगी थी तो उनकी उम्र महज 19 साल की थी. पुलिस में भर्ती होने के बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी. क्योंकि 12वीं पास करते ही वह पुलिस में भर्ती हो गए थे. साल 2008 में उन्होंने नौकरी के दौरान ही अपनी ग्रेजुएशन पूरी कर ली थी. इसके बाद उन्होंने साल 2012 में अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन पूरी कर ली और यूजीसी नेट भी क्वालिफाई कर लिया. 


हालांकि डॉक्यूमेट्स में कुछ गड़बड़ी के आधार पर साल 2016 की पीसीएस परीक्षा में सेलेक्ट होकर सिपाही से एसडीएम बने बलिया जिले के बैरिया तहसील के श्याम बाबू की नियुक्ति निरस्त कर दी गई. कई लेवल पर हुई जांच में पेपर फर्जी साबित होने के बाद अपर मुख्य सचिव ने यह आदेश जारी किया. 


जब श्याम बाबू का सेलेक्शन हुआ था तब यूपी पुलिस में क्षेत्राधिकारी अभिषेक प्रकाश ने अपनी फेसबुल वाल पर लिखा था " श्याम बाबू पर गर्व है और सच कहिए तो पूरा पुलिस महकमे के लिए आज बड़ा दिन है. एक सिपाही की नौकरी करते हुए उपजिलाधिकारी पद पर चयन हो जाना एक बड़ी उपलब्धि है. आत्मसम्मान से जीने के लिए अपने पैरों पर खड़ा होना जरूरी है और उसी कड़ी में आदमी कुछ भी करता है जिससे दो जून की रोटी जुट सके."


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