SPG vs NSG: SPG (Special Protection Group) और NSG (National Security Guard) दोनों ही भारत की स्पेशल सिक्योरिटी एजेंसियां हैं, लेकिन इनका कार्यक्षेत्र और जिम्मेदारियां अलग-अलग होती हैं. दोनों ही यूनिट्स काफी ट्रेन्ड और इक्विप्ड हैं, लेकिन उनके उद्देश्यों और ट्रेनिंग में कुछ अंतर हैं. आइए, इनके बारे में विस्तार से जानें.


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1. SPG (Special Protection Group)


भूमिका और जिम्मेदारियां:


- SPG का मुख्य कार्य भारत के प्रधानमंत्री, उनके परिवार और अन्य वीआईपी लोगों की सुरक्षा करना है. यह एक हाईली स्पेशलाइज्ड फोर्स है, जो निकटतम सुरक्षा प्रदान करती है.


- SPG के जवानों का काम देश के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. ये लोग किसी भी खतरे का पहले से आकलन करके उसे रोकने के लिए तैनात होते हैं.


ट्रेनिंग:


- SPG कमांडो की ट्रेनिंग काफी इंटेंसिव और स्पेशलाइज्ड होती है. इसमें फिजिकल फिटनेस, हथियारों की हैंडलिंग, और सुरक्षा प्रोटोकॉल्स की एक्सटेंसिव ट्रेनिंग दी जाती है.


- इन कमांडो को विभिन्न प्रकार की सुरक्षा तकनीकों, जैसे वाहन सुरक्षा, एस्कॉर्ट ड्रिल, और क्राउड मैनेजमेंट के लिए ट्रेन्ड किया जाता है.


- इन्हें नजदीकी लड़ाई, स्नाइपर शॉट्स, और बॉडीगार्डिंग की स्पेशल स्किल्स सिखाई जाती हैं. 


2. NSG (National Security Guard)


भूमिका और जिम्मेदारियां:


- NSG का गठन आतंकवाद से निपटने के लिए किया गया था, जिसे "ब्लैक कैट कमांडो" के नाम से भी जाना जाता है. यह फोर्स मुख्य रूप से आतंकवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने, बंधक बचाव अभियान, और स्पेशल ऑपरेशन में संलग्न होती है.


- NSG को हाई-रिस्क ऑपरेशन्स के लिए ट्रेन्ड किया जाता है, जैसे बम निष्क्रिय करना, आतंकवादियों का मुकाबला करना, और विमान अपहरण की स्थिति से निपटना.


ट्रेनिंग:


- NSG कमांडो की ट्रेनिंग सबसे कठिन मानी जाती है. इसमें फिजिकल और मेंटल दोनों ही तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.


- इन्हें अत्याधुनिक हथियारों और तकनीकों की जानकारी दी जाती है, साथ ही वे जटिल और जोखिम भरे ऑपरेशन्स के लिए तैयार किए जाते हैं.


- इनकी ट्रेनिंग में क्लोज़ क्वार्टर बैटल, स्नाइपर ट्रेनिंग, और आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए स्पेशल ऑपरेशन शामिल होते हैं.


कौन है ज्यादा शक्तिशाली?


- तुलनात्मक दृष्टिकोण: SPG और NSG दोनों की अपनी-अपनी विशेषज्ञता और क्षमताएं हैं, लेकिन इनकी भूमिका अलग-अलग है. SPG की प्राथमिकता सुरक्षा प्रोटोकॉल और वीवीआईपी सुरक्षा होती है, जबकि NSG का ध्यान आतंकवादियों से मुकाबला और स्पेशल ऑपरेशन्स पर होता है.


- क्षमता: अगर शक्ति और क्षमता की बात की जाए, तो NSG की ट्रेनिंग और ऑपरेशनल क्षमता अधिक व्यापक और विविध होती है, क्योंकि वे आतंकवादी ऑपरेशन्स, बंधक बचाव, और हाई रिस्क वाले मिशन को संभालने में माहिर होते हैं.


- SPG और NSG दोनों ही भारत के महत्वपूर्ण सुरक्षा बल हैं, और उनकी ट्रेनिंग एवं ऑपरेशन के तरीके उनके कार्यक्षेत्र के अनुसार होते हैं. 


- NSG को उनके वर्सेटाइल और पावरफुल ऑपरेशन्स के लिए अधिक शक्तिशाली माना जा सकता है, जबकि SPG की विशेषज्ञता वीवीआईपी सुरक्षा में अद्वितीय है.


इसलिए, दोनों बल अपने-अपने क्षेत्रों में श्रेष्ठ हैं और देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.