Success Story Of Bhausaheb Navale: दुनिया में हर व्यक्ति अपनी युवावस्था में बहुत मेहनत करता है. वह एक समय में सबकुछ हासिल कर लेना चाहता है कि उसके ठलती उम्र में उसे रोजी-रोटी के लिए बहुत दौड़भाग न करना पड़े. जब लोग फुरसत के पलों को एन्जॉय करना चाहते हैं, भाऊसाहेब ठाकरे (Bhausaheb Navale) ने नौकरी छोड़ कुछ बेहतर करने का सोचा....


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एक अलग रास्ता अपनाया
महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले भाऊसाहेब नवले ने खुद का बिजनेस शुरू किया है. 50 साल की आयु में नवले ने रिटारमेंट के बारे में सोचने के बजाय एंटरप्रेन्योर बनने का फैसला किया. अपने बिजनेस की शुरुआत के लिए उन्होंने 2.5 लाख रुपये महीने की नौकरी छोड़ दी. 


छोड़ दी आकर्षक नौकरी 
भाऊसाहेब ने अपनी खुद की नर्सरी कंपनी की स्थापना की. उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान नौकरी छोड़ने का इरादा किया, जब लोगों का काम छीन रहा था और हर कोई वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहे थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नवले का 30 लाख रुपये सालाना का पैकेज था.


भाऊसाहेब के पास इथियोपिया में पॉलीहाउस में गुलाब उगाने का 10 साल का अनुभव है. उन्होंने विदेश में करीब 25 वर्षों तक काम किया. नर्सरी बिजनेस शुरू करने के लिए भारत लौटने से पहले, वह विदेश में आकर्षक सैलरी पर नौकरी कर रहे थे.


लोगों के लिए पैदा किए रोजगार के अवसर
भाऊसाहेब नवले ने बीएससी एग्रीकल्चर की डिग्री ली हैं. वतन वापसी कर उन्होंने पुणे जिले के मावल तालुका में नर्सरी की स्थापना की. जब लोगों काम की तलाश में परेशानी थे, तब भाऊसाहेब ने नौकरी के अवसर पैदा करने के लिए एक इनडोर पॉट प्लांट नर्सरी शुरू की. एक एकड़ में फैला उनका यह बिजनेस देशभर में संचालित हो रहा है. इस नर्सरी में सैकड़ों तरह के पौधे विकसित जाते हैं. वे देश की 300 छोटी-बड़ी नर्सरियों को भी पौधे सप्लाई करते हैं.