इस अंडर-19 क्रिकेटर ने क्रिकेट छोड़ पकड़ी UPSC की राह, ऑल इंडिया 109वीं रैंक हासिल कर बने IPS
IPS Kartik Madhira: हैदराबाद के रहने वाले कार्तिक मधिरा ने अपने करियर में अंडर-13, अंडर-15, अंडर-17 और अंडर-19 लेवल के साथ-साथ विश्वविद्यालय स्तर पर भी क्रिकेट खेला है.
IPS Kartik Madhira Success Story: हमें अक्सर पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने और कम खेलने की सलाह दी जाती है. माना जाता है कि जो लोग खेलों में गहराई से डूबे होते हैं, खासकर क्रिकेट की फील्ड में, वे शायद ही कभी पढ़ाई की ओर लौटते हैं और अच्छा प्रदर्शन करते हैं. हालांकि, क्रिकेटर से महाराष्ट्र कैडर में आईपीएस अधिकारी बनने के बाद कार्तिक मधिरा ने इस रूढ़िवादी सोच को तोड़ दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर कार्तिक मधिरा कौन हैं? अगर नहीं, तो आइये आज हम आपको कार्तिक मधिरा के क्रिकेट के मैदान से लेकर देश के बेहद प्रतिष्ठित आईपीएस के पद तक के सफर की दिलचस्प कहानी के बारे में बताएंगे.
रह चुके हैं अंडर-19 क्रिकेटर
दरअसल, मूल रूप से हैदराबाद के रहने वाले कार्तिक मधिरा ने अपने करियर में अप्रत्याशित मोड़ आने से पहले अंडर-13, अंडर-15, अंडर-17 और अंडर-19 लेवल के साथ-साथ विश्वविद्यालय स्तर पर भी क्रिकेट खेला है.
इस कारण से छोड़ा क्रिकेट
भारतीय पुलिस सेवा में आने से पहले, कार्तिक मधिरा ने जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (JNTU) से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की थी. मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि कार्तिक क्रिकेटर से आईपीएस इसलिए बने, क्योंकि इसके पीछे कुछ व्यक्तिगत कारण और उन्हें लगी चोट भी थी, जिसने उन्हें करियर में दूसरा रास्ता चुनने के लिए मजबूर किया. इस अवधि के दौरान उन्होंने 6 महीने तक डेलॉइट (Deloitte) में काम किया, लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि उनका दिल कहीं और है और फिर उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.
हासिल की ऑल इंडिया 103 रैंक
कार्तिक ने शुरुआती निराशाओं को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया. अपने पहले तीन प्रयासों में प्रीलिम्स परीक्षा में असफल होने के बावजूद, उन्होंने पढ़ाई करना कभी नहीं छोड़ा, खासकर अपने ऑप्शनल समाजशास्त्र (Sociology) सब्जेक्ट के लिए. इसके बाद साल 2019 में, उन्होंने न केवल प्रीलिम्स बल्कि मेन्स और इंटरव्यू भी ऑल इंडिया 103 रैंक के साथ पास करके अपने चौथे प्रयास में सफलता हासिल की.
नहीं कम हुआ खेल के प्रति जुनून
पुलिस सेवा में करियर बनाने के उनके फैसले को उनके आईपीएस ट्रेनिंग के दौरान मिली सफलता और अपनेपन की भावना से पुष्टि मिली और क्रिकेट से आईपीएस में ट्रांस्फर होने के बावजूद, उन्होंने खेल के प्रति जुनून कभी नहीं खोया. वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह फिलहाल महाराष्ट्र कैडर में तैनात हैं.