पुलिस की वर्दी में रस्सी क्यों होती है? क्या है इसका इस्तेमाल ?
Police Uniform Facts: पुलिस यूनिफॉर्म में लगी हर चीज का खास मतलब होता है. आपने वर्दी पर एक रस्सी भी गौर की होगी. क्या आप जानते हैं कि ये रस्सी क्यों लगी होती है? आइये आपको बताते हैं कि इस रस्सी को क्या कहा जाता है और ये किस काम आती है.
ये दरअसल, रस्सी नहीं है. इसे लैनयार्ड के नाम से जाना जाता है, जो अधिकारी की सेवा या रैंक के आधार पर अलग-अलग आकार और रंग में आते हैं. जैसे कि महाराष्ट्र में यह कांस्टेबल से लेकर एसपी/डीसीपी तक सभी राज्य पुलिस सेवा अधिकारियों के लिए खाकी रंग का होता है और आईपीएस अधिकारियों और राज्य रिजर्व बल के पुलिस कांस्टेबलों के लिए नेवी ब्लू रंग का होता है. आईपीएस अधिकारियों के पास हमेशा नेवी ब्लू रंग का लैनयार्ड होता है.
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इसे सीटी ले जाने के लिए बाईं ओर पहना जाता है जिसे आमतौर पर शर्ट की बाईं जेब में रखा जाता है. इसके अलावा कुछ अधिकारी पिस्तौल/रिवॉल्वर ले जाने के लिए एक अलग से लैनयार्ड का उपयोग करते हैं. इसे दाईं ओर पहना जाता है और इसकी लंबाई भी सीटी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लैनयार्ड से लंबी होती है. इसका उपयोग इसलिए किया जाता है ताकि कोई हथियार चुरा न ले.
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दो तरह के लेनयार्ड
भारत में पुलिस की वर्दी पर दो तरह की डोरियां/रस्सी (जिन्हें 'लैनयार्ड' कहा जाता है) होती हैं. बाएं कंधे पर लगी रस्सी को 'सीटी कॉर्ड' कहते हैं और इसका इस्तेमाल सीटी लगाने के लिए किया जाता है. सीटी को बाएं जेब में रखा जाता है. दाएं कंधे पर लगी एक और रस्सी का इस्तेमाल पिस्तौल/रिवॉल्वर को जोड़ने के लिए किया जाता है, जिसे एक होलस्टर में रखा जाता है, जिसे कमर की बेल्ट पर बाईं या दाईं ओर लगाया जाता है.
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सिटी क्यों है जरूरी
आपने गौर किया होगा कि कंधे पर लगी रस्सी या लेनयार्ड वर्दी की पॉकेट में जा रही होती है. इस रस्सी में एक सीटी बंधी हुई होती है, जो वर्दी की बाईं वाली जेब में रखी होती है. दरअसल, पुलिस वर्दी में सीटी को जोड़ने के पीछे की वजह ये है कि इमरजेंसी की स्थिति में पुलिस वाले इस सीटी का इस्तेमाल करके लॉ एंड ऑर्डर को कंट्रोल कर सकें. खासतौर से गाड़ियों को रोकने या ट्रैफिक कंट्रोल करने में इसका बहुत काम आता है. सहयोगी पुलिसकर्मी को कोई संदेश देना हो, तब भी वो इसी सीटी का इस्तेमाल करते हैं. इसे लेनयार्ड के जरिये यूनिफॉर्म में ही लगाए रखा जाता है, ताकि वो आसानी से जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल कर सकें.
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