महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के तुरंत बाद एआईएमआईएम नेता इम्तियाज जलील ने मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे के साथ गठबंधन करने का संकेत दिया. जलील ने जरांगे से मंगलवार शाम को जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में मुलाकात की. जलील की मौजूदगी में जरांगे ने संवाददाताओं से कहा, “यदि लोगों का कल्याण इसमें शामिल है, तो कुछ भी हो सकता है. महत्वपूर्ण फैसले सही समय पर लिए जाएंगे.” मराठा कार्यकर्ता ने कहा कि उन्होंने जलील के साथ मुलाकात के दौरान सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की.


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असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रदेश अध्यक्ष जलील ने दावा किया कि वह जरांगे की दृढ़ता के कारण उनके “प्रशंसक” हैं. औरंगाबाद के पूर्व सांसद ने कहा, “हमने सुना है कि वह (जरांगे) आगामी विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार उतारने के इच्छुक हैं. देखते हैं. मैं अपनी पार्टी के लिए अकेले निर्णय नहीं ले सकता. यहां तक कि जरांगे भी अपने समुदाय से सलाह मशविरे के बाद ही फैसले लेते हैं.”


जलील ने दावा किया कि महाराष्ट्र के लोगों का राज्य में प्रमुख राजनीतिक दलों पर से विश्वास उठ गया है. पूर्व सांसद ने कहा, “जब तक नए चेहरे नहीं लाए जाते, लोग राजनीतिक दलों पर भरोसा नहीं करेंगे. जरांगे अपने समुदाय के लिए इंसाफ चाहते हैं और एआईएमआईएम हमारे समुदाय (मुसलमानों) के लिए इंसाफ चाहती है. अगर हमारा लक्ष्य समान है, तो हम जरांगे के साथ मिल सकते हैं.” जलील ने कहा कि जरांगे अन्य समुदायों के सदस्यों पर आरोप नहीं लगाते तथा सद्भाव और मानवता की बात करते हैं.


हाल में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान जरांगे की अगुवाई वाले मराठा आंदोलन का केंद्र रहे मराठवाड़ा क्षेत्र में मतों का काफी विभाजन हुआ था. इसे बीड सीट से भाजपा की ओबीसी नेता पंकजा मुंडे की मामूली अंतर से हार का कारण माना जाता है.


जरांगे ने देवेंद्र फडणवीस की आलोचना की
इस बीच जरांगे ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले उन्होंने मराठा समुदाय की आरक्षण संबंधी मांग को पूरा नहीं किया. चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद जालना के अंतरवाली सराटी गांव में मीडिया को संबोधित करते हुए जरांगे ने मराठा समुदाय से अगले महीने होने वाले चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित कर अपनी ताकत दिखाने की अपील की.


जरांगे ने आरोप लगाया, “मराठा समुदाय को उम्मीद थी कि (आरक्षण को लेकर) उसकी मांगें पूरी होंगी, लेकिन फडणवीस ने मराठा युवाओं की जिंदगी को बर्बाद करने का काम किया है. उन्होंने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि समुदाय एकजुट न रहे, आगे न बढ़े और आरक्षण से वंचित रहे. इसलिए, उन्होंने हमारी मांग पूरी किए बिना ही चुनावों की घोषणा कर दी.”


जरांगे ने कहा, “निर्णय लेना उनके (सत्तारूढ़ दलों के) हाथ में था. लेकिन अब समुदाय तय करेगा कि आपको सत्ता में वापस लाना है या नहीं. सरकार बनाते समय समुदाय को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. मराठों ने 14 महीने तक अपनी ताकत दिखाई है और अब उन्हें मतदान के जरिए अपनी ताकत दिखानी चाहिए.” उन्होंने कहा कि मराठों को अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट देना चाहिए, किसी राजनीतिक पार्टी के लिए नहीं. महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 20 नवंबर को एक ही चरण में होंगे और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी.