EVM Battery Issue: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. ईवीएम की बैटरी को लेकर गंभीर दावे किए गए. अब चुनाव आयोग की तरफ से इसका स्पष्ट जवाब आया है. कांग्रेस ने कहा था कि जहां बैटरी ज्यादा चार्ज थी वहां कांग्रेस की हार हुई और जहां कम थी वहां जीती.
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Congress EVM Haryana Election: जब भी चुनाव आते हैं, ईवीएम की चर्चा तेज हो जाती है. कई तरह के आरोप लगने लगते हैं. हाल में ईवीएम की बैटरी को लेकर कई तरह की बातें कही गईं. मंगलवार को चुनाव आयोग की टीम महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव का ऐलान करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आई थी. उसी समय यह मुद्दा उठा. इस पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने हरियाणा की कुछ विधानसभा सीटों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से कथित छेड़छाड़ के कांग्रेस नेताओं के दावों को सिरे से खारिज कर दिया. कांग्रेस नेताओं ने दावा किया था कि अलग-अलग बैटरी क्षमता वाली ईवीएम ने अलग-अलग नतीजे दिए.
बैटरी की क्षमता से नतीजों पर पड़ने वाले असर के मुद्दे का जिक्र करते हुए सीईसी ने कहा कि पहले भी हैकिंग के आरोप लगाए गए थे, लेकिन यह मामला पहली बार सामने आया है. कुमार ने कहा, ‘अब हम सोच रहे हैं कि आगे क्या आएगा, हम नहीं जानते लेकिन निश्चित रूप से कुछ नया सामने आएगा.’
कैसी होती है EVM की बैटरी?
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईवीएम की बैटरी कैलकुलेटर में इस्तेमाल होने वाली बैटरी की तरह ही ‘एकल-इस्तेमाल वाली’ प्रकृति की होती है. उन्होंने कहा, ‘उन्हें सेलफोन की बैटरी की तरह रिचार्ज नहीं किया जा सकता... उनका एक जीवनकाल होता है.’
CEC ने कहा कि मतदान की तारीख से लगभग छह दिन पहले ईवीएम चालू कर दी जाती हैं और उम्मीदवारों के चुनाव चिह्न लोड कर दिए जाते हैं. उसी समय एक नई बैटरी लगा दी जाती है, जिस पर उम्मीदवारों या उनके अधिकृत एजेंट के हस्ताक्षर होते हैं. मशीन की विश्वसनीयता और बैटरी को लेकर जताई गई चिंताओं के बारे में पूछे गए कई सवालों पर कुमार ने कहा, ‘ईवीएम तो छोड़िए, यहां तक कि बैटरी पर भी उम्मीदवारों के हस्ताक्षर होते हैं. हमें भी इस नियम के बारे में जानकारी नहीं थी क्योंकि यह बहुत पहले बनाया गया था. अब इससे हमें मदद मिल रही है.’
Watch: Chief Election Commissioner Rajiv Kumar on the EVM says, "The first level checking (FLC) of Electronic Voting Machines (EVMs) begins about five to six months before the elections... I want to highlight two main points regarding this. Firstly, the EVMs cannot be tampered… pic.twitter.com/qUMC6Q8bf0
— IANS (@ians_india) October 15, 2024
पेजर से धमाके तो क्या ईवीएम हैक हो सकता है?
मुख्य चुनाव आयुक्त ने इसका भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि लोग पूछते हैं कि अगर पेजर का इस्तेमाल किसी देश में धमाकों के लिए किया जा सकता है, तो ईवीएम को हैक क्यों नहीं किया जा सकता? सीईसी ने कहा, ‘पेजर (नेटवर्क से) जुड़े होते हैं, ईवीएम नहीं.’ हिजबुल्ला और लेबनान के अधिकारियों को बेचे गए पेजर में हाल में विस्फोट हुए थे, जिसके बाद यह दावा किया गया कि उनकी बैटरी में छेड़छाड़ कर इसे अंजाम दिया गया.
कांग्रेस का आरोप
सीईसी कुमार ने कहा कि हरियाणा में हाल में हुए विधानसभा चुनावों में ईवीएम के बारे में 20 शिकायतें मिलीं. उन्होंने कहा, ‘हम प्रत्येक शिकायत का विस्तृत जवाब देंगे और अपना जवाब सार्वजनिक करेंगे.' उन्होंने यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग सभी हितधारकों को संतुष्ट करने के लिए ‘एफएक्यू’ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल) जारी करेगा. पिछले सप्ताह कांग्रेस नेताओं ने दावा किया था कि हिसार, महेंद्रगढ़ और पानीपत जिलों से ईवीएम को लेकर शिकायतें मिलीं और जिन ईवीएम की बैटरी 99 प्रतिशत चार्ज थी उनमें कांग्रेस उम्मीदवारों की हार हुई है, लेकिन जिनकी बैटरी 60-70 प्रतिशत चार्ज थी उनमें कांग्रेस की जीत हुई है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था, ‘क्या आप इस षड्यंत्र को समझ गए हैं? जहां 99 प्रतिशत बैटरी होती है वहां भाजपा जीतती है और जहां 60-70 प्रतिशत बैटरी है वहां कांग्रेस जीतती है. यह षड्यंत्र नहीं है तो और क्या है.’ कुमार ने कहा कि ईवीएम की कंट्रोल यूनिट में बैटरी का इस्तेमाल होता है. इसे चालू करने के दिन उम्मीदवारों की मौजूदगी में कंट्रोल यूनिट में नई बैटरी डाली जाती है और उसे सील कर दिया जाता है.
उन्होंने बताया कि शुरुआत में बैटरी 7.5 से 8 वोल्ट के बीच वोल्टेज देती है इसलिए, वोल्टेज 7.4 से ऊपर होने पर बैटरी की क्षमता 99 प्रतिशत दिखाई जाती है. निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने पूर्व में बताया था कि ईवीएम के इस्तेमाल से इसकी बैटरी की क्षमता और इसके परिणामस्वरूप वोल्टेज कम हो जाता है. जैसे ही वोल्टेज 7.4 से नीचे चला जाता है, बैटरी की क्षमता 98 प्रतिशत से 10 प्रतिशत के रूप में प्रदर्शित होती है. बैटरी में 5.8 वोल्ट से ज़्यादा होने पर कंट्रोल यूनिट काम करना जारी रखती है. ऐसा तब होता है जब बैटरी की क्षमता 10 प्रतिशत से ज़्यादा रह जाती है और कंट्रोल यूनिट डिस्प्ले पर बैटरी बदलने की चेतावनी दिखाई देती है. यह उस संकेत के समान है जो किसी वाहन में तब दिखता है जब इंजन बहुत कम बचे ईंधन पर चल रहा होता है. मतगणना के दिन बैटरी की शेष क्षमता कंट्रोल यूनिट पर किए गए ‘मॉक मतदान’, वास्तविक मतदान और बैटरी के प्रारंभिक वोल्टेज (8 से 7.5 वोल्ट) पर निर्भर करती है. (भाषा)