Arvind Kejriwal News: शीला दीक्षित के घर संदूक भर कर सबूत... अब मजबूरी में केजरीवाल का बचाव कर रहे राहुल और प्रियंका गांधी?
Arvind Kejriwal Congress: इसे राजनीतिक मजबूरी कहिए या विडंबना. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत पूरी कांग्रेस आज अरविंद केजरीवाल के साथ खड़ी है जो कभी कांग्रेस के खिलाफ नकारात्मक माहौल बनाते थे. उन्होंने दिल्ली की तत्कालीन सीएम शीला दीक्षित पर गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि कभी सबूत नहीं दे पाए.
Pranab Mukherjee Daughter on Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई तो कांग्रेस पार्टी विरोध में उतर आई. दरअसल, इस बार लोकसभा चुनाव में दोनों साथ हैं. हालांकि गठबंधन धर्म निभाते हुए कांग्रेस भूल गई कि एक समय अरविंद केजरीवाल ने ही दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगाए थे. इससे पूर्व सीएम की इमेज काफी खराब हुई थी. आज पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने जरूर उस बात को याद करते हुए कहा कि कर्म पीछा नहीं छोड़ते. उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल और अन्ना हजारे के ग्रुप ने दिल्ली की तत्कालीन सीएम और कांग्रेस नेता शीला दीक्षित पर बिना सबूत के आरोप लगाए थे.
कर्मों का फल भुगतना पड़ता है...
मुखर्जी ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर इस बात का भी जिक्र किया कि शीला दीक्षित के खिलाफ पुख्ता सबूत होने का दावा करने के बावजूद कोई भी तथ्य सार्वजनिक नहीं किए गए थे. किसी ने नहीं देखा कि वो एविडेंस क्या थे जिसकी बात की गई थी. आखिर में उन्होंने 'कर्म' की बात करते हुए कहा कि जो लोग तब आधारहीन आरोप लगाते थे, अब उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है. अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ता है. तब केजरीवाल कहा करते थे कि शीला दीक्षित के खिलाफ संदूक भरकर सबूत हैं. अब शर्मिष्ठा मुखर्जी ने उसी ट्रंक की बात की है.
शराब नीति घोटाले से जुड़े एक मामले में कल रात ईडी ने केजरीवाल को अरेस्ट किया. आम आदमी पार्टी ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के आने वाले नतीजों से भाजपा डरी हुई है और विपक्ष पर निशाना साध रही है. कल ही कांग्रेस पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि उनके पास रेलवे के टिकट खरीदने के पैसे नहीं हैं क्योंकि पार्टी के बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए हैं. केजरीवाल की गिरफ्तारी पर राहुल ने क्या लिखा, आगे पढ़िए.
बेटे संदीप दीक्षित भी केजरीवाल के साथ
कांग्रेस के नेता केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में सड़क पर उतरे हैं. दिलचस्प तो यह है कि कभी केजरीवाल के खिलाफ बोलने वाले शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित भी कहते सुने गए कि क्या यह कोई तरीका है कि आप रात में जाकर किसी के यहां गिरफ्तारी करें. लोगों ने सोशल मीडिया पर तंज के लहजे में लिखा कि संदीप दीक्षित जैसा समर्पित कार्यकर्ता होना चाहिए. सब जानते हैं कि आम आदमी पार्टी ने कैसे शीला दीक्षित के खिलाफ अभियान चलाया था. इसके बावजूद INDIA गठबंधन की लाइन का पालन करते हुए संदीप दीक्षित ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की निंदा की.
जब कांग्रेस और आप का गठबंधन हुआ तब भी कई लोगों ने कहा था कि केजरीवाल पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर जेल भिजवाने की बात करते थे. इस मामले को भाजपा ने भी लपका था. पिछले साल जब शराब घोटाले में केजरीवाल का नाम आने लगा तब पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि ये वही अरविंद केजरीवाल हैं जो पहले रोज शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस करते थे कि मेरे पास शीला दीक्षित, रॉबर्ट वाड्रा, सोनिया गांधी के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं.
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तब संबित पात्रा ने कहा था कि उन्हें आश्चर्य होता है कि जब केजरीवाल की पार्टी नहीं बनी थी तब यही अरविंद केजरीवाल बगल में फाइल दबाकर रोज 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहते थे कि आज मैं शीला दीक्षित, रॉबर्ट वाड्रा, सोनिया गांधी, लालू यादव के खिलाफ खुलासा करूंगा. उनके पास ठोस सबूत हैं लेकिन जब 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होती थी तब अरविंद केजरीवाल कहते थे- मेरा दरवाजा खुला है, वे आएं मेरे प्रश्नों का उत्तर दें, मैं इन्हें क्लीन चिट दे दूंगा.
2013 के चुनाव में केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट से शीला दीक्षित को 25 हजार वोटों के अंतर से हरा दिया था.
कांग्रेस की मजबूरी
हां, आज कांग्रेस को आम आदमी पार्टी की जरूरत है. दिल्ली में कांग्रेस की पोजीशन लेने वाली 10 साल पुरानी पार्टी दो राज्यों में सरकार चला रही है. पंजाब की सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान करने के बावजूद कांग्रेस ने गठबंधन नहीं तोड़ा. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पूरी कांग्रेस को पता है कि मौजूदा माहौल में वे अकेले भाजपा को चुनौती नहीं दे सकते हैं. शायद इसीलिए पुरानी बातें भूलकर कांग्रेस अरविंद केजरीवाल के साथ खड़ी दिख रही हैं. निशाने पर फिलहाल मिशन 2024 यानी लोकसभा चुनाव है.
प्रियंका गांधी ने कहा, 'चुनाव के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस तरह टारगेट करना एकदम गलत और असंवैधानिक है. राजनीति का स्तर इस तरह से गिराना न प्रधानमंत्री जी को शोभा देता है, न उनकी सरकार को. अपने आलोचकों से चुनावी रणभूमि में उतरकर लड़िए, उनका डटकर मुकाबला करिए, उनकी नीतियों और कार्यशैली पर बेशक हमला करिए - यही लोकतंत्र होता है.'