Arvind Kejriwal Lok Sabha Chunav: दिन में दिल्ली हाईकोर्ट ने राहत देने से इनकार किया तो कुछ घंटे में ही ED ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. रातभर हाईवोल्टेज ड्रामा चला. आम आदमी पार्टी रात में ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई लेकिन तत्काल सुनवाई नहीं हुई. मामला आबकारी नीति से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग (Delhi Excise Policy Case) का है. ED ने कई बार समन भेजा था पर केजरीवाल पेश नहीं हो रहे थे. ईडी दफ्तर में ही केजरीवाल की रात कटी. हाल के वर्षों में किसी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी का यह पहला मामला है. इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस्तीफा दिया था फिर उनकी गिरफ्तारी हुई थी. खास बात यह है कि 55 साल के केजरीवाल को ऐसे समय में गिरफ्तार किया गया है जब लोकसभा चुनाव का प्रचार तेज हो रहा है. अब अगर केजरीवाल लंबे समय तक जेल में रहते हैं तो आम आदमी पार्टी का चुनावी कैंपेन लड़खड़ा सकता है. 


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'मैं भी केजरीवाल' कैंपेन था लेकिन...


जी हां, 'मैं भी केजरीवाल' का नारा देने वाली आम आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही है लेकिन नेता के रूप में वह अरविंद केजरीवाल के आगे नहीं बढ़ी. वह पार्टी के एकमात्र और सर्वमान्य शीर्ष नेता बने रहे. फिलहाल पार्टी कह रही है कि जेल से ही अरविंद केजरीवाल सरकार चलाएंगे. इसके पीछे की वजह भी यही है कि जनता में यह मैसेज न जाए कि पार्टी बिखर सकती है या अब पार्टी का क्या होगा? क्योंकि पहले से मनीष सिसोदिया जैसे कई बड़े नेता जेल में बंद हैं. पार्टी पंजाब की सभी सीटों पर अकेले लोकसभा चुनाव लड़ रही है. दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन है. इसके अलावा गुजरात समेत कई राज्यों में पार्टी उम्मीदवार उतार चुकी है.


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AAP के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि केजरीवाल नहीं तो प्रचार कौन करेगा? जनता किसे देखकर और क्या समझकर वोट करेगी? उधर, भाजपा इसी ताक में है. अब वह इस गिरफ्तारी को जोरशोर से उछालेगी और माहौल अपने फेवर में बदलने की कोशिश करेगी. भाजपा कहती रही है कि 'कट्टर ईमानदार' की बात करने वाली पार्टी के सारे बड़े नेता जेल में हैं. भाजपा ने नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की मांग की है. 


ईडी के एक अतिरिक्त निदेशक के नेतृत्व में एजेंसी की 10 सदस्यीय टीम कल शाम केजरीवाल के घर पहुंची थी. पहले तलाशी ली गई, दो घंटे बाद खबर आई कि केजरीवाल गिरफ्तार हो गए हैं. आधी रात साढ़े 11 बजे केजरीवाल को गाड़ी में लेकर ईडी के अधिकारी कार्यालय पहुंचे. सीएम गाड़ी में पिछली सीट पर बैठे थे. इस मामले में यह ईडी की 16वीं गिरफ्तारी है. 


केजरीवाल की गिरफ्तारी से क्या होगा?


1. केजरीवाल की तस्वीर और खबर जैसे-जैसे लोगों तक पहुंचेगी, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का हौसला टूट सकता है. भाजपा निगेटिव माहौल तैयार कर सकती है. हालांकि आप पार्टी अपने पक्ष में सहानुभूति बटोरने की भी कोशिश कर सकती है. 


2. एक दशक के सियासी सफर में आम आदमी पार्टी खासतौर से सीएम अरविंद केजरीवाल बड़े संकट में हैं. पार्टी कांग्रेस से हाथ मिलाकर हरियाणा और गुजरात में विस्तार करना चाहती है लेकिन अब उसकी रणनीति फेल हो सकती है. 


3. केजरीवाल ही AAP के सबसे बड़े चेहरे और लोकसभा चुनाव में स्टार कैंपेनर हैं. पार्टी को पहले से ही मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और संजय सिंह जैसे बड़े नेताओं की कमी महसूस हो रही थी इधर केजरीवाल भी अरेस्ट हो गए. 


4. दिल्ली में पार्टी की सरकार है और AAP चार लोकसभ सीटों पर भी लड़ रही है. पूरा चुनाव प्रचार केजरीवाल पर केंद्रित है. कुछ दिन पहले ही पार्टी ने कैंपेन लॉन्च किया था - संसद में भी केजरीवाल, तो दिल्ली होगी और खुशहाल. 


5. गुजरात में आम आदमी पार्टी का नारा है - गुजरात में भी केजरीवाल. पंजाब में चुनाव प्रचार की अगुआई भले सीएम भगवंत मान कर रहे हैं लेकिन केजरीवाल लगातार दौरे कर रहे थे. अब वह जेल में रहे तो असर पड़ना तय है. 


AAP लोकसभा चुनाव कैसे लड़ेगी?


19 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल को गिरफ्तार करने की साजिश हो रही है क्योंकि उनके सवाल भाजपा को चुभ रहे हैं. अगर गिरफ्तारी हुई तो लोकसभा चुनाव में कैसे बढ़ेंगे? इस सवाल के जवाब में भारद्वाज ने कहा था कि चेहरा तो अरविंद केजरीवाल ही होंगे. वही अकेले चेहरे हैं जिस पर लोग भरोसा करते हैं, प्रेम करते हैं. उन्होंने कहा था कि उस स्थिति में (अरेस्ट होने पर) आगे की रणनीति बनाई जाएगी. 


अब तक AAP को लग रहा था कि केजरीवाल की जनता में अपील और लोकप्रियता के कारण शायद चुनाव से पहले गिरफ्तार न किया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. एक्सपर्ट कह रहे हैं कि केजरीवाल की गिरफ्तारी से न केवल लोकसभा चुनाव कैंपेन प्रभावित होगा बल्कि दिल्ली  में गर्वनेंस और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी इसका असर होगा. अब AAP नारा दे रही है- लड़ेंगे, जीतेंगे.


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12 साल पुरानी पार्टी के सामने फिलहाल चुनौतियों का पहाड़ है. पार्टी ने आज से विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है. पार्टी को उम्मीद है कि दिल्ली की जनता की उसे सहानुभूति मिलेगी. 


पूरा मामला समझ लीजिए


साल 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति तैयार करने और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा मामला है. वैसे, बाद में यह पॉलिसी रद्द कर दी गई थी. AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह इसी मामले में जेल में हैं. ईडी के आरोपपत्र में केजरीवाल का जिक्र कई बार किया गया है. एजेंसी का आरोप है कि आरोपी आबकारी नीति बनाने के लिए केजरीवाल के संपर्क में थे. यह नीति बनाने और इसे लागू करने के लिए आप पर रिश्वत लेने का आरोप है. ईडी ने एक बयान में आरोप लगाया कि बीआरएस नेता कविता (46) और कुछ अन्य लोगों ने आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये अदा कर आबकारी नीति में फायदा पाने के लिए केजरीवाल और सिसोदिया जैसे आप के शीर्ष नेताओं के साथ साजिश रची थी.