Banswara Lok Sabha Election 2024: न बीजेपी न कांग्रेस, इस पार्टी ने सबको पछाड़ा राजास्थान के बांसवाड़ा में
Banswara Lok Sabha Election News: साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, बांसवाड़ा सीट पर अनुसूचित जाति (SC) की आबादी 82,397 यानी 4.2 फीसदी है. जबकि अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की तादाद 1,47,227 यानी 75.4 फीसदी है.
Alwar Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है और अब योद्धाओं को मैदान में उतारने का वक्त आ चुका है. ऐसे में राजस्थान में इस बार मुकाबले पर सबकी नजरें हैं. राज्य में 25 लोकसभा सीटें हैं, जिसमें बांसवाड़ा भी अहम सीट है. इस लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभाएं आती हैं, जो हैं- डूंगरपुर, सागवाड़ा, चौरासी, घाटोल, गढ़ी, बांसवाड़ा, बागीदोरा, खुशलगढ़. बीजेपी ने सीट से इस बार महेंद्र मालवीय को टिकट दिया है. कांग्रेस ने राजकुमार रोट को मैदान में उतारा है.
बांसवाड़ा अनुसूचित जनजाति की लोकसभा सीट है और इसमें पूरे बांसवाड़ा जिले के अलावा डूंगरपुर जिले का कुछ हिस्सा आता है. यहां साक्षरता दर 46.88 फीसदी है.
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, बांसवाड़ा सीट पर अनुसूचित जाति (SC) की आबादी 82,397 यानी 4.2 फीसदी है. जबकि अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की तादाद 1,47,227 यानी 75.4 फीसदी है. वहीं मुस्लिम मतदाताओं की बात करें तो वोटर लिस्ट के एनालिसिस के मुताबिक उनकी तादाद 56,633 है यानी 2.9 फीसदी. इस सीट पर ग्रामीण वोटर्स की तादाद 1,816,664 यानी 92.6 फीसदी और शहरी आबादी 145,176 यानी 7.4 परसेंट है.
साल 2019 के आम चुनावों के दौरान इस सीट पर कुल मतदाताओं की आबादी 1961840 थी और 72.8 फीसदी वोट पड़े थे. जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां 79.6 फीसदी मतदान हुआ था.
सीट पर क्या है जातिगत समीकरण
इस सीट पर अनुसूचित जनजाति का दबदबा है, जिनकी तादाद 75.4 फीसदी है. इसके बाद एससी जनसंख्या 4.2 फीसदी है. वहीं जैन धर्म को मानने वाले 1.24 फीसदी, बौद्ध 0.02 फीसदी, मुस्लिम 2.9 फीसदी और सिख धर्म को मानने वाले 0.02 फीसदी लोग हैं.
कांग्रेस का रहा दबदबा
अगर आजादी के बाद से अभी तक के नतीजों को देखें तो कांग्रेस का दबदबा इस सीट पर नजर आता है. कांग्रेस ने अब तक 5 बार इस सीट पर कब्जा जमाया है, जबकि बीजेपी को दो ही बार जीत मिली है. दो बार इस सीट पर जनता पार्टी का कब्जा रहा.
चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल 2004 में इस जीत पर बीजेपी के धनसिंह रावत ने कांग्रेस के प्रभु दयाल रावत को मात दी थी. धन सिंह रावत को 2,68,239 वोट और प्रभु लाल को 2,47,556 वोट मिले थे. जनता दल के जीतमल कांत के हिस्से 78,556 वोट ही आ पाए थे. अब बात 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों की. इस बार कांग्रेस को इस सीट पर जीत मिली. तब कांग्रेस के ताराचंद भगोरा को 4,13,169 वोट मिले थे. जबकि बीजेपी के हकारू मैदा को 2,13,751 वोट. जेडीयू के प्रभु दयाल रावत को 71,543 वोटों से संतोष करना पड़ा था.
साल 2014 का चुनाव मोदी लहर के साथ आया और बीजेपी के मनशंकर निनामा को 5,77,433 वोट मिले. जबकि कांग्रेस के रेशम मालवीय 4,85,517 वोट ही हासिल कर पाए. नोटा को 34,404 वोट मिले थे. साल 2019 के चुनाव में भी मोदी मैजिक दिखा और बीजेपी उम्मीदवार कनकमल कटारा ने शानदार जीत हासिल करते हुए 711,709 वोट पाए. जबकि ताराचंद भघोरा को 4,06, 245 वोट ही मिल पाए.
बांसवाड़ा सीट पर कब कौन जीता |
वर्ष |
उम्मीदवार |
पार्टी |
1952 |
भीखा भाई |
कांग्रेस |
1957 |
भोगीलाल पंड्या |
कांग्रेस |
1962 |
रतन लाल |
कांग्रेस |
1967 |
हीरजी भाई |
कांग्रेस |
1971 |
हीरा लाल डोडा |
कांग्रेस |
1977 |
हीरा भाई |
जनता पार्टी |
1980 |
भीखा भाई |
कांग्रेस (आई) |
1984 |
प्रभु लाल रावत |
कांग्रेस |
1989 |
हीरा भाई |
जनता पार्टी |
1991 |
प्रभु लाल रावत |
कांग्रेस |
1996 |
ताराचंद भगोरा |
कांग्रेस |
1998 |
महेंद्र जीत सिंह मालवीय |
कांग्रेस |
1999 |
ताराचंद भगोरा |
कांग्रेस |
2004 |
धन सिंह रावत |
बीजेपी |
2009 |
ताराचंद भगोरा |
कांग्रेस |
2014 |
मनशंकर निनामा |
बीजेपी |
2019 |
कनक मल कटारा |
बीजेपी |
बांसवाड़ा सीट पर क्या है जातिगत समीकरण |
जाति |
जनसंख्या (प्रतिशत में) |
बौद्ध |
0.02 प्रतिशत |
ईसाई |
0 प्रतिशत |
जैन |
1.24 प्रतिशत |
मुस्लिम |
2.9 प्रतिशत |
अनुसूचित जाति |
4.2 प्रतिशत |
एसटी |
75.4 प्रतिशत |
सिख |
0.02 प्रतिशत |