BJP Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा अब तक 405 कैंडिडेट्स की घोषणा कर चुकी है. खास बात यह है कि 10 मंत्रियों समेत 103 माननीयों का टिकट काटा गया है. पिछले लोकसभा चुनाव से तुलना करें तो 2019 में पार्टी ने 119 सांसदों को फिर से मौका नहीं दिया था. फिलहाल यूपी के उन नेताओं की धड़कनें बढ़ गई होंगी, जिनकी सीट पर भगवा दल ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. जी हां, भाजपा को 35 प्रत्याशियों की घोषणा और करनी है जिसमें बड़ी संख्या में यूपी की हाइप्रोफाइल सीटें शामिल हैं. पार्टी वहां काफी सोच-विचार कर फैसला लेगी. इसमें प्रयागराज, कैसरगंज समेत कई सीटें शामिल हैं. 


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क्यों काटा गया सांसदों का टिकट?


इस बार भाजपा ने दो प्रमुख कारणों से मौजूदा सांसदों के टिकट काटे हैं. पहला, जहां भी लगा कि माननीय सांसद जी के पिछले बयानों और उनसे जुड़े विवादों के चलते इस बार चुनाव में असर पड़ सकता है या सीट फंस सकती है, सत्ता विरोधी लहर तैयार हो सकती है तो भाजपा ने उन्हें नमस्ते कह दिया. दूसरा प्रमुख कारण भाजपा का अंदरूनी फीडबैक रहा, जिसमें अगर मौजूदा सांसद की लोकप्रियता कम रही तो पार्टी ने जोखिम न लेते हुए कैंडिडेट बदलने का फैसला किया. 


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जिन सांसदों के टिकट कटे हैं उनमें गोडसे को महान बताने वाली भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा, प्रवेश वर्मा, संसद में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द कहने वाले रमेश बिधूड़ी और पार्टी पर ही सवाल खड़े करने वाले पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी का नाम शामिल है. 


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एक और बात दिलचस्प है कि पीएम नरेंद्र मोदी के अपने राज्य गुजरात में सबसे ज्यादा सांसदों के टिकट काटे गए हैं. पिछले चुनाव में भाजपा ने यहां क्लीन स्वीप किया था. इस बार फीडबैक के आधार पर पार्टी ने 26 में से 14 प्रत्याशी बदल दिए. इसी तरह दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में से छह पर नए चेहरे आए हैं. ओडिशा से चार, बिहार-कर्नाटक और झारखंड से 3-3 सांसदों का टिकट कट गया है.


वैसे, भाजपा की पहली लिस्ट में ज्यादातर प्रत्याशी पुराने थे. उससे लगा था कि पार्टी इस बार ज्यादा उलटफेर या प्रयोग करने के मूड में नहीं है लेकिन अब साफ हो गया है कि भगवा दल कोई जोखिम लेना नहीं चाहता है. 


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भाजपा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में 33 सांसदों का टिकट कटा था. उस समय यूपी के सभी 41 सांसद टिकट पा गए थे. भाजपा की छठी लिस्ट में तीन और सांसदों का पत्ता कट गया. अब यूपी की हाई प्रोफाइल सीटों पर अपने नाम का इंतजार कर रहे सांसदों की बेचैनी बढ़ रही होगी. देखना यह है कि भाजपा टिकट काटने के पिछले रिकॉर्ड से आगे जाती है या नहीं. अगली लिस्ट इसी हफ्ते आ सकती है. 


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