Nagina Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव की तैयारी में जुटी समाजवादी पार्टी के लिए भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नई चुनौती बन सकते हैं. खासकर, नगीना लोकसभा सीट पर सपा-कांग्रेस गठबंधन के लिए आजाद समाज पार्टी मोर्चा खोल सकती है. चंद्रशेखर ने नगीना में रैली और सोशल मीडिया पर शायराना पोस्ट से इसके साफ संकेत दिए हैं.


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अब हवाएं ही करेंगी रोशनी का फैसला, जिस दिए में जान होगी...


चंद्रशेखर आजाद ने एक्स पर एक मशहूर शायरी पोस्ट कर बिना नाम लिए विपक्षी दलों पर ही निशाना साधा है. उन्होंने लिखा, 'अब हवाएँ ही करेंगी रौशनी का फ़ैसला। जिस दिए में जान होगी वो दिया रह जाएगा।। ' 




नगीना सीट पर सपा के मनोज कुमार को टक्कर देंगे आजाद


इसका साफ मतलब है कि आजाद समाज पार्टी चुनावी मैदान में दम दिखाने के लिए उतरने वाली है. क्योंकि पहले विपक्षी गठबंधन ने भरोसा दिलाया था कि उनके लिए लोकसभा की एक सीट छोड़ी जाएगी. बाद में सपा-कांग्रेस गठबंधन की ओर से अखिलेश यादव ने नगीना सीट पर अपने उम्मीदवार मनोज कुमार के नाम का एलान कर दिया. चंद्रशेखर आजाद भी इस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके थे. इसलिए अब वह आहत हैं.


एक दिन पहले ही पत्थर का सीना चीर कर भी उगने की बात


इससे पहले चंद्रशेखर आजाद ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट कर चेतावनी जारी की थी. उन्होंने लिखा था, 'जो कमजोर होते है वही किस्मत का रोना रोते हैं। जिन्हें उगना होता है वो पत्थर का सीना चीर कर भी उगते हैं।।'  इस पोस्ट को भी अखिलेश यादव के लिए चंद्रशेखर आजाद के गुस्से के तौर पर देखा गया था.



नगीना रैली में सपा और अखिलेश यादव पर काफी सख्त हमले


इससे पहले चंद्रशेखर आजाद ने नगीना रैली में जनता को संबोधित करते हुए सपा और अखिलेश यादव को लेकर काफी तल्ख और गुस्से में बात करते दिखे.इसके बाद तय माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव 2024 में दोनों का साथ आना काफी मुश्किल है. चंद्रशेखर आजाद का एक वीडियो भी बीते दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था. वीडियो में भीम आर्मी प्रमुख आजाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर काफी तीखे हमले करते और सीधी चुनौती देते दिख रहे थे. 




चंद्रशेखर आजाद ने अखिलेश यादव को पुराना एहसान याद दिलाया


चंद्रशेखर आजाद ने अखिलेश यादव को पुराने एहसान का उलाहना भी दिया. उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि सपा मेरे बिना खतौली सीट भी नहीं जीत पाती. खतौली उपचुनाव के दौरान अखिलेश यादव और चंद्रशेखर आजाद दोनों ने साथ मिलकर रालोद को समर्थन दिया था. उन्होंने रालोद के उम्मीदवार को जिताने में अहम भूमिका निभाई थी. तब माना जा रहा था कि चंद्रशेखर आजाद और अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव में गठबंधन कर सकते हैं. चंद्रशेखर आजाद के इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनने की अटकलें भी लगाई जा रही थी.


हालांकि, सपा ने नगीना लोकसभा सीट से दलित उम्मीदवार को ही टिकट दिया है. इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि बदले हुए हालात में चंद्रशेखर आजाद नगीना सीट पर कितनी मजबूती से चुनाव लड़ पाते हैं.