Ghazipur Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने फरवरी में 11 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी. उनमें से एक नाम ऐसा था जो अभी बहुजन समाज पार्टी (BSP) से लोकसभा सांसद हैं. 70 साल के अफजाल अंसारी का गाजीपुर जिले में दबदबा है. अंसारी गाजीपुर लोकसभा सीट से 2019 और 2004 में जीते. वह जिले की मोहम्मदाबाद सीट से पांच बार‍ विधायक भी रहे. चुनाव से पहले पार्टी बदलने में माहिर अफजाल अंसारी के सामने बीजेपी किसे उम्‍मीदवार बनाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा. अंसारी, गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के भाई हैं. अफजाल को अप्रैल 2023 में गैंगस्टर एक्ट के मामले में 4 साल की सजा हुई थी. दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने बतौर सांसद उनकी अयोग्‍यता को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया. चुनाव लड़ने पर लगी रोक भी हटा ली.


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जनवरी 2024 की शुरुआत में अंसारी की बेटी की शादी में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पहुंचे तो चर्चाएं शुरू हुईं. आखिरकार फरवरी में सपा ने अफजाल को गाजीपुर से मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया. अंसारी की सीट, गाजीपुर के बारे में विस्तार से नीचे जानिए.


गाजीपुर लोकसभा चुनाव रिजल्ट


गाजीपुर लोकसभा सीट पर आखिरी चरण में, 01 जून को मतदान होने वाला है. चुनाव आयोग 04 जून 2024 को गाजीपुर लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित करेगा.


गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र की जानकारी


गाजीपुर उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक है. गाजीपुर लोकसभा सीट के दायरे में पांच विधानसभा क्षेत्र- जखनिया (SC), सैदपुर (SC), गाजीपुर सदर, जंगीपुर और जमानिया आते हैं. जखनिया पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का कब्‍जा है और बाकी चारों सीटें सपा के पास हैं. 2019 में यहां से बसपा के उम्मीदवार अफजाल अंसारी ने 51.2% वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिटिंग एमपी मनोज सिन्हा को हराया था. 2014 के मुकाबले 2019 में सिन्‍हा को ज्‍यादा वोट मिले थे फिर भी वे हार गए क्योंकि बसपा और सपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था.


गाजीपुर लोकसभा सीट : अब तक कौन-कौन रहा सांसद


साल सांसद का नाम (पार्टी) 
2019 अफजाल अंसारी (बहुजन समाज पार्टी)
2014 मनोज सिन्हा (भारतीय जनता पार्टी)
2009 राधे मोहन सिंह (समाजवादी पार्टी)
2004 अफजाल अंसारी (समाजवादी पार्टी)
1999 मनोज सिन्हा (भारतीय जनता पार्टी)
1998 ओमप्रकाश सिंह (समाजवादी पार्टी)
1996 मनोज सिन्हा (भारतीय जनता पार्टी)
1991 विश्वनाथ शास्त्री (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी)
1989 जगदीश कुशवाह (निर्दलीय)
1984, 1980 ज़ैनुल बशर (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
1977 गौरी शंकर राय (जनता पार्टी)
1971, 1967 सरजू पांडे (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी)
1962 वी. एस. गहमरी (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
1957,1952 हर प्रसाद सिंह (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)

 


गाजीपुर लोकसभा सीट का जातीय समीकरण और राजनीतिक इतिहास


गाजीपुर सीट पर 2019 चुनाव में लगभग 29.2 लाख वोटर्स थे. उनमें यादव वोटर्स की संख्या साढ़े चार लाख के आसपास थी. दलित वोटर्स की संख्या 4 लाख अनुमानित है. मुसलमान लगभग 2.70 लाख हैं. राजपूत, ब्राह्मण व अन्‍य सवर्ण जातियां भी ताकतवर हैं. यहां के कुशवाहा वोटर्स ने सवर्णों के साथ मिलकर बीजेपी की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. 2019 में सपा-बसपा के गठबंधन के चलते यादव, मुस्लिम और दलित वोट एकजुट हो गए और नतीजा सिन्‍हा अपनी सीट बचा नहीं पाए.


गाजीपुर के वर्तमान सांसद, अफजाल अंसारी पहले कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया में थे. 1996 में सपा में चले गए. 2009 में उन्होंने बसपा का दामन थामा. समीकरण नहीं सधे तो एक साल बाद कौमी एकता दल (QED) लॉन्च कर दिया. 2019 में अफजाल ने अपनी पार्टी का बसपा में विलय कर दिया. 2019 में उन्होंने बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीत हासिल की. अंसारी को सपा उम्मीदवार घोषित किए जाने का मतलब है कि बसपा के साथ उनका जुड़ाव भी खत्म हो गया है. 2024 आम चुनाव में यूपी के भीतर सपा और कांग्रेस मिलकर लड़ रहे हैं.