Varun Gandhi: पीलीभीत में PM मोदी की रैली में नहीं आए वरुण गांधी, तब कही थी गुणा-भाग वाली बात
Varun Gandhi का पीलीभीत से टिकट काटकर भाजपा ने इस बार जितिन प्रसाद को उतारा है. वरुण गांधी ने कुछ दिन पहले लेटर लिखकर कहा था कि उनका पीलीभीत के लोगों से रिश्ता राजनीतिक गुणा-भाग से ऊपर है. अगर ऐसा है तो आज पीएम मोदी की रैली में वरुण गांधी क्यों नहीं आए?
Pilibhit Lok Sabha Chunav 2024: नवरात्रि के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पीलीभीत में अपनी पहली मेगा रैली की लेकिन वरुण गांधी कहीं नहीं दिखे. तीन दशक से जिस गांधी परिवार (वरुण गांधी और मेनका गांधी) का पीलीभीत में दबदबा रहा, वह पीएम की रैली से दूर ही रहा जबकि दोनों नेता भाजपा में हैं. आज रैली में बने मंच पर कई नेता बैठे हुए थे. आगे एक कतार थी उसके पीछे भी कुछ नेता बैठे थे लेकिन वरुण गांधी कहीं नहीं दिखे. पिछली बार वह जीतकर सांसद बने थे. पूरे समय लोग यही देखते रहे कि शायद वरुण गांधी भी आएं हों लेकिन वह दिखे नहीं और न कोई तस्वीर ही आई. ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि अंदर से वह टिकट कटने से नाराज हैं.
टिकट कटने पर मां मेनका बोलीं, पार्टी का फैसला
वैसे वरुण गांधी भाजपा में ही हैं. वरुण की मां मेनका गांधी को भाजपा ने सुल्तानपुर से टिकट दिया है. कुछ घंटे पहले जब उनसे वरुण गांधी का पीलीभीत से टिकट कटने को लेकर पूछा गया तो उन्होंने सधे हुए अंदाज में कहा कि यह पार्टी का फैसला है. वरुण बहुत अच्छे सांसद हैं. आगे भी जिंदगी में जो भी बनेंगे, देश के लिए अच्छा ही करेंगे. जब उनसे वरुण गांधी के अलग से चुनाव लड़ने का सवाल किया गया तो मेनका ने कहा कि नहीं, हम इस तरह के लोग नहीं हैं.
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न वरुण आए, न मेनका गांधी
दरअसल, जब पीलीभीत से भाजपा ने वरुण गांधी का टिकट काटा तो कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गांधी परिवार को एक होने की बात कही थी. जब यही सवाल मेनका से किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं भाजपा में हूं और बहुत खुश हूं कि बीजेपी में हूं. हालांकि आज वरुण या मेनका गांधी का पीलीभीत में न दिखना जरूर कई सवाल या कहें कि शंकाएं पैदा करता है. क्या वरुण गांधी को टिकट कटने का दुख है? इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि वरुण कई महीनों से अपनी तैयारियों में जुटे हुए थे.
पीलीभीत के लिए लिखा था लेटर
टिकट कटने के बाद पीलीभीत के लोगों के लिए 28 मार्च को लिखे अपने पत्र में वरुण गांधी ने कहा था, 'मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे वर्षों पीलीभीत की महान जनता की सेवा करने का मौका मिला... एक सांसद के तौर पर मेरा कार्यकाल भले समाप्त हो रहा हो पर पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं हो सकता.'
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ऐसे में आज लोग यही कह रहे हैं कि पीलीभीत से दिल का रिश्ता होने के बावजूद वरुण पीएम की रैली में क्यों नहीं आए? नाराजगी नहीं तो क्या कोई दूसरी वजह थी?
आज पीएम पीलीभीत आकर रैली में 30 मिनट तक बोले. उन्होंने कांग्रेस-सपा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने पीलीभीत से भाजपा उम्मीदवार जितिन प्रसाद और बरेली से छत्रपाल सिंह गंगवार को जिताने के लिए लोगों का समर्थन मांगा.
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