Shravasti Lok Sabha Chunav Result 2024: ब्राह्मण बहुल श्रावस्ती में भाजपा ने खाई शिकस्त, चुनावी परिणामों में सपा ने मारी बाज़ी
Shravasti Lok Sabha Chunav Result 2024: जिस धरती पर भगवान बुद्ध ने लंबा समय बिताया, वह श्रावस्ती पूरी दुनिया के बौद्धों के लिए आस्था का केंद्र है. लोकसभा चुनाव में यहां त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है. ब्राह्मण वोटरों की तादाद देख भाजपा ने साकेत मिश्रा को टिकट दिया है.
Shravasti Lok Sabha Election 2024: यूपी का श्रावस्ती जिला बौद्ध तीर्थस्थल के रूप में दुनियाभर में मशहूर है. भगवान बुद्ध के जीवन काल में यह क्षेत्र कोशल देश की राजधानी था. इसे बुद्धकालीन भारत के छह महानगरों चम्पा, राजगृह, श्रावस्ती, साकेत, कौशाम्बी ओर वाराणसी में से एक माना जाता है. यहां बौद्ध और जैन दोनों तीर्थस्थल है. नाम को लेकर कई मान्यताएं हैं. बौद्ध ग्रंथों के अनुसार श्रावस्ती नामक एक ऋषि यहां हुए जिनके नाम पर नगर को श्रावस्त कहा गया. महाभारत में श्रावस्त नाम के एक राजा की कथा मिलती है. श्रावस्ती को राम के बेटे लव की राजधानी भी बताया गया है.
श्रावस्ती लोकसभा चुनाव 2024 रिजल्ट
6वें चरण में 25 मई को यहां पर वोट पड़े. कुल 52.83 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. नतीजे 4 जून को आएंगे.
यह जिला 1997 में बना था. 2004 में कुछ महीनों के लिए जनपद का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया गया था. अब बात राजनीति की करते हैं. श्रावस्ती लोकसभा सीट से भाजपा ने साकेत मिश्रा को टिकट दिया है. साकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी, पूर्व IAS अधिकारी और राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के बेटे हैं. वह अभी यूपी विधान परिषद के मनोनीत सदस्य हैं.
क्षेत्र में साकेत की उम्मीदवारी के विरोध की भी खबरें हैं. हालांकि भाजपा नेता कह रहे हैं कि बदनाम करने के लिए ये बाहरी लोगों की चाल है. पिछले बार के चुनाव में बसपा के राम शिरोमणि वर्मा ने भाजपा के सांसद दद्दन मिश्रा को हरा दिया था.
साकेत मिश्रा के नाना रहे सांसद
हां, साकेत मिश्रा का श्रावस्ती से सीधा कनेक्शन है. उनका ननिहाल यहां है. उनके नाना बदलू राम शुक्ला बहराइच से लोकसभा सांसद रहे हैं. 2018 से साकेत भाजपा में हैं. आपको याद होगा 2014 में अतीक अहमद ने भी श्रावस्ती से सपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि जीत नहीं मिली.
ब्राह्मण बहुल श्रावस्ती सीट पर साकेत मिश्रा के आने से भाजपा का पलड़ा मजबूत माना जा रहा है. आखिरी बार 2009 में यहां से कांग्रेस जीती थी. श्रावस्ती लोकसभा सीट पर इस जिले के दो और बलरामपुर जिले के तीन विधानसभा क्षेत्र आते हैं.
200+ लोकसभा सीटों की लिस्ट देखिए
नए परिसीमन के बाद यह लोकसभा सीट बनी. 2009 में पहली बार चुनाव हुए और कांग्रेस के विनय कुमार पांडे जीते. 2014 में दद्दन मिश्रा ने कमल खिलाया और पिछली बार यहां राम शिरोमणि वर्मा ने हाथी की सवारी की.
जातीय समीकरण
- श्रावस्ती में करीब 20 प्रतिशत मुसलमान और 15 प्रतिशत के करीब यादव हैं.
- इसके अलावा 20 प्रतिशत कुर्मी और 10 प्रतिशत से ज्यादा दलित वोटर हैं.
- सबसे ज्यादा ब्राह्मण 30 प्रतिशत के करीब हैं. ऐसे में वे जिधर जाते हैं जीत तय हो जाती है.
- श्रावस्ती सीट पर क्षत्रिय 5 प्रतिशत के करीब हैं.
विपक्ष के पास बस एक दांव
2014 के चुनाव में मुस्लिम, दलित और यादव वोट बिखर गया था. यह समीकरण भाजपा के पक्ष में चला गया. हालांकि 2019 में सपा और बसपा साथ आए तो भाजपा पिछड़ गई. इस बार बसपा विपक्षी गठबंधन के साथ आती तो सीन दिलचस्प हो सकता था.