Arvind Kejriwal Arrested: अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष का गठबंधन भाजपा पर हमलावर है. राहुल गांधी, शरद पवार जैसे कई विपक्षी नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा है. आम आदमी पार्टी आज दिल्ली में प्रोटेस्ट कर रही है. गिरफ्तारी के बावजूद AAP कह रही है कि केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे. दरअसल, AAP का लोकसभा चुनाव प्रचार पूरी तरह केजरीवाल पर केंद्रित है. पार्टी को उम्मीद है कि उसे जनता की सहानुभूति और वोट दोनों मिलेंगे. हालांकि भाजपा कॉन्फिडेंट दिख रही है. ऐसे में आपके मन में सवाल उठ सकते हैं कि भाजपा के खुश होने की वजह क्या है? वह कल रात से ही कांग्रेस नेताओं के पुराने बयान शेयर कर दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी को उचित ठहरा रही है. सुबह हुई तो फिल्मी गाने की धुन पर वीडियो शेयर किया. पहले यह वीडियो देखिए.



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हां, आज सुबह दिल्ली भाजपा ने 'आजा केजू, आजा तिहाड़...' वीडियो जारी कर दिया. राजधानी दिल्ली और पंजाब में जिस पार्टी की सरकार हो, उसके सबसे बड़े नेता की गिरफ्तारी चुनाव से ठीक पहले होती है, इसके बावजूद भगवा दल कॉन्फिडेंट कैसे है कि इसका नकारात्मक असर नहीं होगा. क्योंकि एक तबका और राजनीतिक मामलों की समझ रखने वाले कुछ लोग मानकर चल रहे हैं कि विपक्ष एकजुट होकर चुनाव में विरोधी नेताओं की गिरफ्तारी को बड़ा मुद्दा बना सकता है. एक दिन पहले ही कांग्रेस ने अकाउंट फ्रीज किए जाने को लेकर भाजपा पर हमला बोला था. 


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दरअसल, अंदरखाने भाजपा को पहले लग रहा था कि अरविंद केजरीवाल अपनी सरकारी योजनाओं की बदौलत चुनौती बन सकते हैं. अब विपक्ष कह रहा है कि केंद्र सरकार साजिश के तहत विरोधियों को टारगेट कर रही है लेकिन भाजपा को भरोसा है कि उसके खिलाफ कोई प्रतिक्रिया या उल्टा माहौल नहीं बन पाएगा. वह तो उत्साहित है कि पहले नीतीश कुमार और अब अरविंद केजरीवाल के INDIA गठबंधन के सीन में न दिखाई देने से उसे बड़ा फायदा होगा. वह चुनाव में यह मुद्दा भी उठाएगी कि भ्रष्टाचार के जड़ में कोई भी हो, कितना भी बड़ा लीडर हो उसे जवाब देना होगा. 



ऐसे में BJP इस बात पर जोर दे रही है कि आम आदमी पार्टी के मुखिया ईडी के समन पर पेश क्यों नहीं हो रहे थे? एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने 'इंडियन एक्सप्रेस' से बातचीत में बताया कि गिरफ्तारी का एक बड़ा असर यह होगा कि AAP का चुनाव प्रचार बिखर जाएगा क्योंकि पार्टी का चेहरा और भीड़ के साथ संसाधन जुटाने वाले अकेले अरविंद केजरीवाल ही हैं. वह पार्टी के ब्रेन और पिलर हैं. भाजपा को उम्मीद है कि केजरीवाल के बिना AAP का प्रचार कोई असर नहीं डाल पाएगा.


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एक अन्य नेता ने कहा, 'इस घटना से INDIA गठबंधन का एक और स्टार प्रचार हट जाएगा. साथ ही भ्रष्ट लोगों का इंडी गठबंधन होने का हमारा संदेश भी मजबूत होगा.' इसके अलावा भ्रष्टाचार के खिलाफ योद्धा वाली छवि बनाकर सत्ता में आए केजरीवाल की इमेज खराब होने से भगवा दल को फायदा हो सकता है. 


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अब तक भाजपा में ही कुछ लोग सवाल करते थे कि पार्टी केजरीवाल को लेकर सेफ क्यों है? इसके पीछे वजह लोकप्रियता गिनाई जाती थी. हालांकि भाजपा सूत्रों ने 'एक्सप्रेस' से कहा कि अब केजरीवाल की गिरफ्तारी से पार्टी काडर का मोराल हाई रहेगा. यह संदेश भी जाएगा कि पार्टी भ्रष्टाचार पर सख्त है. 


बीजेपी के कॉन्फिडेंस की वजह


1. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के साथ आने के बावजूद बीजेपी को दिल्ली में किसी बड़े असर की उम्मीद नहीं है. अब केजरीवाल की गिरफ्तारी का कोई उल्टा असर नहीं होगा क्योंकि भाजपा को लग रहा है कि दिल्ली में लगातार विधानसभा चुनावों में AAP की जीत के बाद भी भाजपा ने 2019 में 50 प्रतिशत वोट हासिल किए थे. उसके सातों लोकसभा कैंडिडेट जीते थे. 


2. INDIA गठबंधन के तहत AAP और कांग्रेस ने दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, चंडीगढ़ और गोवा में सीट शेयरिंग की है. खबर है कि भाजपा ने दिल्ली और बाहर भी एक आंतरिक सर्वे कराया था. इसमें पता चला कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ऐक्शन लिए जाने से मतदाताओं के सेंटिमेंट्स उनके साथ नहीं जाएंगे. इसकी वजह केजरीवाल के सबसे बड़े सहयोगी मनीष सिसोदिया का एक साल से जेल में होना है. संजय सिंह भी अब जेल में हैं. भाजपा को सर्वे से पता चला कि विपक्ष केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ लोगों को एकजुट नहीं कर पाएगा या कहिए समर्थन नहीं जुटा पाएगा. भाजपा के सपोर्टर तर्क देते हैं कि शराब नीति केस में फंसने से केजरीवाल की इमेज खराब हुई है और लोगों के मन में एक ही सवाल है कि अगर सिसोदिया के सपोर्ट में कोई भी सबूत होता तो वह इतने समय से जेल में नहीं होते. 


3. इसके अलावा दिल्ली भाजपा के नेता सोच रहे हैं कि चूंकि दिल्ली में वोट छठे चरण में 25 मई को है. अभी दो महीने का वक्त है. तब तक केजरीवाल के न दिखने से आम आदमी पार्टी पर बुरा असर होगा और वह चुनाव अच्छे से नहीं लड़ पाएगी. 


पहले भाजपा को कहीं न कहीं लग रहा था कि फ्री बिजली और फ्री पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा का केजरीवाल का एजेंडा चुनाव में एक चुनौती बन सकता है क्योंकि यह मोदी सरकार की योजनाओं से काफी मेल खाता है. इधर, चुनावी बॉन्ड पर जब विपक्ष भाजपा को निशाना बना रहा था, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी हुई, अब केजरीवाल की गिरफ्तारी ने चर्चा पलट दी है.