Lok Sabha Chunav: लोकसभा चुनाव के बीच दुनियाभर की पार्टियों को क्यों बुला रही भाजपा? पाकिस्तान-चीन को न्योता नहीं
BJP Invitation to World Parties: 140 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले देश में लोकसभा चुनाव कम आबादी वाले देशों के लिए किसी करिश्मे से कम नहीं है. यह दुनिया में सबसे बड़ा चुनाव होता है. ऐसे में दुनियाभर के लोगों खासकर नेताओं की इसमें विशेष रुचि रहती है. भाजपा ने इस बार कई देशों को पार्टियों को न्योता भेजा है.
BJP News: भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव देखने के लिए दुनियाभर की पार्टियों के नेताओं को न्योता भेजा है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में सात चरणों में चुनाव कराए जा रहे हैं. बीजेपी चाहती है कि दुनियाभर के नेता न सिर्फ व्यापक चुनावी प्रक्रिया को समझें बल्कि सत्तारूढ़ पार्टी की चुनाव रणनीति को भी जानें. एक रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा ने कई देशों के 25 से ज्यादा राजनीतिक दलों को न्योता भेजा है. भारत में इसे लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव कहा जाता है.
कुछ इसी तरह जब देश में पहली बार आम चुनाव हो रहे थे तब दुनियाभर के पर्यवेक्षक भारत की चुनावी प्रक्रिया को समझने आए थे. तब इसे सबसे बड़ा प्रयोग (एक्सपेरिमेंट) कहा गया था. खबर है कि 25 में से 13 पार्टियों ने अब तक भारत आने की हामी भरी है. विदेशी पार्टियां अपने प्रतिनिधियों के बारे में ज्यादा जानकारी बाद में साझा करेंगी.
अमेरिका को न्योता क्यों नहीं?
गौर करने वाली बात यह है कि अमेरिका के दो प्रमुख दलों सत्तारूढ़ डेमोक्रेट और विपक्षी रिपब्लिकन में से किसी को भी आमंत्रित नहीं किया गया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एक भाजपा नेता ने कहा, 'पहली बात तो वे अपने राष्ट्रपति चुनाव में व्यस्त हैं. इसके अलावा, अमेरिकी दल भारत या यूरोप के कुछ हिस्सों की पार्टियों की तरह काम नहीं करते हैं. उदाहरण के लिए, अमेरिका में हो सकता है कि किसी पार्टी कार्यकर्ता को अपनी पार्टी के अध्यक्ष का नाम भी पता न हो क्योंकि वहां के सिस्टम में केवल राष्ट्रपति का कार्यालय या अमेरिकी कांग्रेस प्रमुख होता है.'
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हालांकि भाजपा ने ब्रिटेन की कंजर्वेटिव और लेबर पार्टियों के साथ-साथ जर्मनी के क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स और सोशल डेमोक्रेट्स को भी बुलाया है.
न चीन को बुलावा, न पाकिस्तान को
पाकिस्तान से खराब संबंधों के चलते पड़ोसी देश की किसी भी पार्टी को न्योता नहीं भेजा गया है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) को भी आमंत्रित नहीं किया गया है. उधर, पड़ोसी बांग्लादेश से केवल सत्तारूढ़ शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग को आमंत्रित किया गया है. वहां की विपक्षी पार्टी BNP को आमंत्रित नहीं किया गया है क्योंकि वह हाल में भारतीय सामान के बहिष्कार के लिए सोशल मीडिया चलाए गए 'इंडिया आउट' कैंपेन में शामिल थी.
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हां, नेपाल में माओवादियों सहित सभी प्रमुख राजनीतिक दलों को न्योता भेजा गया है. पड़ोसी श्रीलंका के भी सभी मुख्य दलों को आमंत्रित किया गया है. भाजपा को उम्मीद है कि मई के दूसरे सप्ताह में होने वाले चुनाव के तीसरे या चौथे चरण के दौरान दुनिया के कई देशों से आमंत्रित राजनीतिक दलों के नेता भारत आएंगे.
विदेशी नेता क्या-क्या देखेंगे?
- विदेशी पर्यवेक्षकों को सबसे पहले दिल्ली में भाजपा और राजनीतिक व्यवस्था के बारे में बताने के साथ-साथ भारत की चुनावी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाएगी.
- इसके बाद 5-6 पर्यवेक्षकों के समूहों को पार्टी नेताओं और भाजपा के उम्मीदवारों से मिलने के लिए 4-5 निर्वाचन क्षेत्रों में ले जाया जाएगा.
- माना जा रहा है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह या पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा जैसे भाजपा के बड़े नेताओं की रैलियों में भी ले जाया जाएगा.
पार्टी का यह कदम जेपी नड्डा के कार्यकाल में शुरू की गई KNOW BJP पहल के तहत है. इसके अंतर्गत अब तक कई देशों के मिशनों के करीब 70 प्रमुखों ने भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात की है. साथ ही भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने कई देशों का दौरा भी किया है. इसी पहल के तहत नेपाल के नेता प्रचंड को भी भाजपा मुख्यालय में आमंत्रित किया गया था. हाल में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी पार्टी 4-5 विदेशी प्रतिनिधियों को चुनाव प्रचार दिखाने के लिए कई स्थानों पर ले गई थी.
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हाल के महीनों में देखें तो कनाडा में एक खालिस्तानी की हत्या के बाद द्विपक्षीय संबंध काफी खराब हो गए. पिछले दिनों दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद जर्मनी और अमेरिका के सवाल उठाने पर भी भारत की कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिली थी.