Maharashtra Ka CM Kaun banega: महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की प्रचंड जीत हुई है. भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 132 सीटों पर जीत दर्ज की. वहीं, शिवसेना (शिदें गुट) और एनसीपी (अजित गुट) ने भी विरोधी दलों को धूल चटाई है. शिंदे सेना के पास 57 और एनसीपी अजित पवार के पास 41 सीटें हैं. महाराष्ट्र में हर तरफ महायुति की जीत का जश्न मनाया जा रहा है. लेकिन, यह सवाल अभी भी बरकरार है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? आइए इस सत्ता संघर्ष की प्रमुख बातों पर नजर डालते हैं.


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महायुति की जीत में भाजपा का दबदबा


महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन भाजपा, शिंदे सेना और एनसीपी (अजित पवार गुट) – ने शानदार प्रदर्शन किया है. इस प्रचंड जीत के साथ, सरकार गठन का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है. महायुति ने महाराष्ट्र में बहुमत के साथ जीत हासिल की है. भाजपा ने 132 सीटों पर जीत दर्ज की, शिंदे सेना ने 57 और अजित पवार की एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की. यह जीत गठबंधन के लिए तो बड़ी सफलता है, लेकिन मुख्यमंत्री पद की होड़ ने माहौल गर्म कर दिया है.


मुख्यमंत्री पद की रेस में फडणवीस सबसे आगे


संख्याबल के आधार पर भाजपा मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार दिख रही है. संभावना है कि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बन सकते हैं. राज्यपाल से मिलकर सरकार गठन का दावा करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी.


शिंदे के लिए डिप्टी सीएम का प्रस्ताव?


सूत्रों के मुताबिक, शिंदे को डिप्टी सीएम का पद और महत्वपूर्ण विभाग जैसे शहरी विकास, उद्योग, और जल संसाधन दिए जा सकते हैं. यह शिंदे का दूसरा कार्यकाल होगा, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री पद से हटकर. शिवसेना (शिंदे गुट) के कार्यकर्ता चाहते हैं कि शिंदे एक बार फिर मुख्यमंत्री बनें. शिंदे की लोकप्रियता और उनकी छवि "इन्फ्रास्ट्रक्चर मैन" के रूप में गठबंधन की जीत में अहम भूमिका निभा चुकी है.


एनसीपी की पिचिंग..अजित पवार भी रेस में


अजित पवार के समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. एनसीपी नेता छगन भुजबल का कहना है कि अजित पवार की "स्ट्राइक रेट" अच्छी रही है और वे भी मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदार हो सकते हैं. महायुति के तीनों दल- भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), और एनसीपी – ने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री का फैसला सामूहिक रूप से होगा. तीनों दलों के नेताओं के बीच इस मुद्दे पर लगातार बैठकें हो रही हैं.


शिंदे को दी गई पूरी छूट


शिंदे सेना ने अपनी कार्यकारिणी बैठक में शिंदे को सरकार गठन के लिए सभी अधिकार दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने विधायकों के नेता और मुख्य सचेतक नियुक्त करने का अधिकार भी शिंदे को सौंपा है. वहीं, भाजपा के पास सबसे ज्यादा सीटें हैं, जिससे उसका मुख्यमंत्री पद पर दावा मजबूत हो जाता है. हालांकि, सहयोगी दलों को संतुष्ट करना भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है.


गठबंधन की परीक्षा: किसे मिलेगा 'ताज'?


महायुति की एकता पर मुख्यमंत्री पद का फैसला महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा. अगर सही संतुलन नहीं बैठा, तो गठबंधन के भीतर तनाव बढ़ सकता है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह 'धर्मयुद्ध' किस दिशा में जाता है. यह राजनीतिक स्थिति न केवल महाराष्ट्र की सरकार का भविष्य तय करेगी, बल्कि गठबंधन की मजबूती और तीनों दलों के बीच विश्वास का भी परीक्षण करेगी.