महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री की रेस में नंबर 1, अजित पवार के बयान ने खड़े कर दिए कई सवाल
Who will be Mahayuti CM: महाराष्ट्र के चुनावी नतीजों के बाद मख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा तेज है. इस पद को लेकर एकनाथ शिंदे और देवेन्द्र फडणवीस के बीच रेस है. इसी बीच अजित पवार के एक बयान ने कई सारे सवाल सभी के मन में खड़े कर दिए हैं
Ajit Pawar On Maharashtra Govt Formation: महाराष्ट्र के निवर्तमान उपमुख्यमंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख अजित पवार ने सोमवार को कहा कि राज्य में नयी सरकार के गठन के फार्मूले को अंतिम रूप देने के लिए महायुति सहयोगियों के बीच चर्चा जारी है. सतारा जिले के कराड में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने स्वीकार किया कि विधानसभा चुनावों में महायुति की जीत में सरकार की ‘लाडकी बहिन योजना’ की महत्वपूर्ण भूमिका रही. यह योजना महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती है.
अजित पवार ने किसे बताया जीत का कारण?
राकांपा नेता ने यह भी आश्वासन दिया कि राज्य विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के बाद गठबंधन एकजुट होकर काम कर रहा है. पवार ने महाराष्ट्र के प्रथम मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण की पुण्यतिथि के अवसर पर कराड स्थित उनके स्मारक पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. भारतीय जनता पार्टी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राकांपा वाले गठबंधन महायुति ने विधानसभा की 288 सीट में से 230 पर जीत हासिल की है.
सीएम की रेस में देवेंद्र फडणवीस
सभी की नजर भाजपा नेता एवं निवर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर है जिन्हें मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा है. ऐसा इसीलिए क्योंकि उनकी पार्टी ने राज्य में 149 सीट पर चुनाव लड़कर 132 सीट जीत ली. उधर, महाराष्ट्र के मंत्री एवं शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने कहा कि उनकी पार्टी के विधायकों का मानना है कि एकनाथ शिंदे को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में बने रहना चाहिए.
अजीत पवार ने क्या स्वीकार किया?
अजीत पवार ने कहा, ‘‘हम तीनों दलों के बीच मंत्रिमंडल गठन पर क्या फार्मूला तैयार किया जाए, यह तय करेंगे.’’ उन्होंने स्वीकार किया कि महायुति की जीत में लाडकी बहिन योजना का योगदान भी अहम रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात को नकार नहीं सकते कि लाडकी बहिन ने इस चुनाव में हमें मजबूती दी. हम उनके (महिला मतदाताओं) आभारी हैं.’’ इस योजना का बचाव करते हुए वित्त मंत्री पवार ने कहा, ‘‘अगर मैं लाडकी बहिन योजना का विरोधी होता तो मैं इसे सदन में पेश ही नहीं करता. मैंने इस योजना को अंतिम रूप देने से पहले कई सेवानिवृत्त वित्त अधिकारियों से इस पर चर्चा की थी.’’ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर कुछ विपक्षी नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों का पवार ने खारिज कर दिया और कहा कि पंजाब, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना जैसे राज्यों में जहां उनके विरोधी दल की सरकार है, वहां भी इसी प्रकार से चुनाव कराए गए हैं.
फैसला होना बाकी
महायुति की 234 सीटों में से 133 पर भाजपा की जीत के साथ, यह सवाल बना हुआ है कि क्या देवेंद्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा या क्या वह फिर से एकनाथ शिंदे के डिप्टी के रूप में काम करेंगे, जिनकी शिवसेना के पास सिर्फ 57 सीटें हैं. फैसला अभी बाकी है. इनपुट भाषा से भी