Maharashtra Politics: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मुख्य सचेतक अनिल पाटिल ने रविवार को दावा किया कि महा विकास आघाडी (एमवीए) खेमे में अशांति है और इसके पांच से छह विधायक अगले कुछ महीनों में सत्तारूढ़ महायुति में शामिल हो सकते हैं. विधानसभा चुनाव में पाटिल ने अपनी अमलनेर विधानसभा सीट बरकरार रखी. कांग्रेस, राकांपा (एसपी) और शिवसेना (उबाठा) के गठबंधन एमवीए को महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में करारा झटका लगा. 


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288 सीटों में से केवल 46 सीटों पर जीत


एमवीए राज्य की 288 सीटों में से केवल 46 सीटें ही जीत पाईं. इसके विपरीत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सत्तारूढ़ गठबंधन ने 230 सीटें हासिल कीं. महायुति में भाजपा के अलावा राकांपा और शिवसेना शामिल हैं. पाटिल ने मराठी समाचार चैनल ‘एबीपी माझा’ से कहा, ‘‘राकांपा (एसपी), कांग्रेस और शिवसेना (उबाठा) के फिर से निर्वाचित हुए विधायकों में जबरदस्त बेचैनी है. हमारे साथ अच्छे संबंध रखने वालों ने एमवीए की भारी हार पर चिंता व्यक्त की है.’’ 


अजित पवार के विधायक का बड़ा बयान


अजित पवार की पार्टी के विधायक पाटिल ने कहा कि अगर कोई अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्य चाहता है तो सत्ता में रहना अच्छा है. उन्होंने कहा, ‘‘एमवीए विधायकों को लगता है कि उनका भविष्य अनिश्चित है. अगर अगले चार महीनों में पांच से छह विधायक महायुति में शामिल हो जाते हैं, तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए.’’ एमवीए खेमे से शिवसेना (उबाठा) को 20 सीटें, कांग्रेस को 16 और राकांपा (एसपी) को 10 सीटें मिलीं.


भाजपा को सबसे अधिक 26.77 प्रतिशत वोट


महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा ने सबसे अधिक 26.77 प्रतिशत वोट हासिल किया है. पार्टी ने 149 सीटों पर चुनाव लड़कर 132 सीटें जीतीं और 17,293,650 वोट हासिल किए. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली. हालिया महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा का 132 सीटें जीतना 100 सीटों का आंकड़ा पार करने की ‘हैट्रिक’ है. पार्टी ने 2014 के विधानसभा चुनावों में 122 सीटें और 2019 के चुनावों में 105 सीटें जीती थीं. महाराष्ट्र विधानसभा में 101 सीटों पर लड़ी कांग्रेस ने केवल 16 सीटें जीतीं और 12.42 वोट प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रही. पार्टी को 8,020,921 वोट मिले.


शिंदे की शिवसेना ने 12.38 प्रतिशत वोट हासिल किये


एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 81 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 57 सीटों पर जीत दर्ज की और 12.38 प्रतिशत वोट हासिल किये. दिलचस्प बात यह है कि कम सीटें हासिल करने वाली शरद पवार नीत राकांपा (शरदचंद्र पवार) को अजित पवार नीत राकांपा से अधिक वोट मिले. राकांपा (एसपी) ने 86 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन 11.28 प्रतिशत वोट के साथ केवल 10 सीटें ही जीत पाई. इसके विपरीत, अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने 59 सीटों पर चुनाव लड़कर 41 सीटें जीतीं, और 9.01 प्रतिशत वोट हासिल किये.


उद्धव की शिवसेना को 9.96 प्रतिशत वोट


उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (उबाठा) ने 20 सीटें जीतीं और पार्टी को 9.96 प्रतिशत वोट मिले. निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के अनुसार, 20 नवंबर को हुए राज्य विधानसभा चुनावों में 66.05 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो 2019 में 61.1 प्रतिशत था.


(एजेंसी इनपुट के साथ)