बॉलीवुड के कॉमेडी किंग कहे जाने वाले लीजेंड्री एक्टर कादर खान (kader khan) आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी लाइफ से जुड़े ढ़ेरों किस्से कहानियां आज भी मौजूद हैं. आज हम आपको कादर खान के जीरो से हीरो बनने की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं. कादर खान का जन्म काबुल, अफगानिस्तान में साल 1937 में हुआ था. कहते हैं कि कादर जब छोटे थे तभी उनकी मां ने काबुल से भारत आने का फैसला किया और मुंबई की सबसे बड़ी स्लम धारावी में आकर रहने लगीं थीं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कादर खान के बचपन में ही उनके पेरेंट्स अलग हो गए थे, ऐसे में एक्टर का बचपन बेहद संघर्ष के बीच गुजरा था. 


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हफ्ते में तीन दिन भूख सोते थे कादर खान 


कादर खान का बचपन कितना संघर्ष भरा था, यह इसी बात से पता चलता है कि बचपन में एक दौर ऐसा भी आया था जब उन्हें हफ्ते में तीन-तीन दिन तक भूखा रहना पड़ता था. खुद कादर खान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वे बचपन में एक मस्जिद के बाहर भीख मांगा करते थे जिससे जैसे-तैसे घर की गुजर बसर हुआ करती थी. बहरहाल, इन सब संघर्षों के बीच जब कादर खान थोड़े बड़े हुए और उन्होंने काम धंधा संभालना चाहा तब उनकी मां ने उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित करते हुए कहा था कि, ‘सारी मुसीबतें मैं झेल लूंगी तुम सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान लगाओ’. आपको बता दें कि कादर खान ने मुंबई स्थित इस्माइल युसुफ कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था और आगे चलकर सिविल इंजीनियरिंग भी की थी.


एक्टर बनने से पहले लेक्चरर थे कदर खान, इस हीरो ने दिया था फिल्मों में मौका 


कादर खान को एक्टिंग का शौक बचपन से ही था. कहते हैं कि वे छोटे से ही लोगों की मिमिक्री किया करते थे. इस बीच जब कादर खान बड़े हुए और पढ़ लिखकर लेक्चरर बन गए तब भी वे ड्रामा और थियेटर के जरिए एक्टिंग के अपने शौक को पूरा किया करते थे. वहीं, कादर खान को एक प्ले में परफॉर्म करता देख दिलीप कुमार ने उन्हें दो फ़िल्में ऑफर कर दी थीं. बताते चलें कि कादर खान फिल्म इंडस्ट्री के बेहद सफल स्टार थे उन्होंने ना सिर्फ 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था बल्कि 250 से ज्यादा फिल्मों में डायलॉग भी लिखे थे.