कुत्ते की आवाज निकाली तो मिला फिल्म में रोल, हिंदी सिनेमा में `शराबी` बन अमर हो गए Keshto Mukherjee
Keshto Mukherjee Life Facts: क्लासिकल हिंदी सिनेमा के मशहूर शराबी- केष्टो एक ऐसे एक्टर थे जिन्होंने करीब 90 फिल्मों में काम किया और ज्यादातर में शराबी का ही रोल निभाया, वो भी इतना बखूबी की लोग उन्हें असल में शराबी समझते थे.
Keshto Mukherjee Birth Anniversary: बॉम्बे टू गोवा (Bombay To Goa), चुपके चुपके (Chupke Chupke) और शोले (Sholay) जैसी आइकॉनिक फिल्मों में अपनी जबरदस्त कॉमेडी से सबको हंसाने वाले केष्टो मुखर्जी (Keshto Mukherjee) की आज 98वीं बर्थ एनिवर्सरी है. क्लासिकल हिंदी सिनेमा के मशहूर शराबी- केष्टो एक ऐसे एक्टर थे जिन्होंने करीब 90 फिल्मों में काम किया और ज्यादातर में शराबी का ही रोल निभाया, वो भी इतना बखूबी की लोग उन्हें असल में शराबी समझते थे. लेकिन सबसे हैरानी की बात ये रही कि उन्होंने कभी शराब नहीं पी.
50 से 80 के दशक में इन्होंने तकरीबन 90 फिल्मों में काम किया. 30 साल के करियर में ज्यादातर फिल्मों में ये शराबी ही बने लेकिन उन्हें इसमें टाइपकास्ट होने का बिलकुल डर नहीं था. केष्टो हमेशा इस इमेज से खुश थे क्योंकि उन्होंने फिल्मी दुनिया में जगह बनाने के लिए काफी स्ट्रगल की थी. दिग्गज फिल्ममेकर बिमल रॉय (Bimal Roy) ने उन्हें ऑडिशन में कुत्ते की तरह भौंकने के लिए कहा तो वो भी कर गए.
लेकिन केष्टो कैसे बने हिंदी सिनेमा के मशहूर शराबी. दरअसल वो अपने परिवार के साथ जुहू (मुंबई) में रहते थे, जहां एक पापड़ वाला, रोज शराब पीकर पापड़ बेचता था. वो शराबी मजेदार अंदाज में लोगों को आवाज लगाता था. जब डायरेक्टर असित सेन ने उन्हें फिल्म 1970 की फिल्म मां और ममता में शराबी का रोल दिया, तो उन्होंने उसी पापड़ वाले से प्रेरणा ली. उनका रोल इतना पसंद किया गया कि आगे यही उनका सिग्नेचर स्टाइल बन गया. केष्टो शराबी के रोल में इतने फेमस हुए कि वो शराबी के रोल के लिए हर फिल्ममेकर की पहली पसंद थे. बेहतरीन हास्य कलाकार का दौर 15 मार्च 1982 को अधूरा रह गया. गणपति दर्शन करने गए केष्टो की गाड़ी एक ट्रक से टकराई और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.उस वक्त उनकी उम्र केवल 56 साल थी.