नई दिल्ली: आईसीसी विश्व कप समाप्त होने के बाद भारत में सबसे अधिक चर्चा में एमएस धोनी हैं. लोग जानना चाहते हैं कि वे आगे खेलते रहेंगे या संन्यास लेंगे. इंग्लैंड में भी भारत जैसा ही माहौल है. लोग जानना चाह रहे हैं कि इयोन मोर्गन (Eoin Morgan) टीम के कप्तान बने रहेंगे या पद छोड़ देंगे. इंग्लैंड ने मोर्गन की ही कप्तानी में आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता है. इंग्लैंड अभी इस जीत का जश्न मना रहा है. दूसरी ओर, पूर्व कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस (Andrew Strauss) ने मोर्गन के भविष्य पर चर्चा छेड़ दी है.


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दरअसल, इंग्लैंड (England) को एक अगस्त से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज (एशेज) खेलनी है. इयोन मोर्गन वनडे और टी20 मैचों के कप्तान जरूर हैं, लेकिन वे टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं हैं. इंग्लैंड को अगली वनडे सीरीज अगले साल खेलनी है, जब उसकी टीम दक्षिण अफ्रीका का दौरा करेगी. एंड्रयू स्ट्रॉस ने कहा कि मोर्गन इंग्लैंड के सबसे शानदार कप्तान रहे हैं. वे चाहते हैं कि मोर्गन इस जिम्मेदारी को संभालते रहें. फिर भी ऐसा माना जा रहा है कि अगर मोर्गन कप्तानी छोड़ते हैं तब जोस बटलर अगले कप्तान बन सकते हैं.

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इयोन मोर्गन 32 साल के हैं. अब इतनी जल्दी यह भी साफ नहीं हो सकता कि वे 2023 में भारत में खेले जाने वाले अगले वनडे वर्ल्ड कप में खेलेंगे या नहीं. यह अभी दूर की कौड़ी है. हां, यह लगभग तय है कि वे अगले साल अक्टूबर में ऑस्ट्रेलिया में खेली जाने वाली टी20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड की कमान संभालेंगे. एंड्रयू स्ट्रॉस ने इसी बात पर कहा कि जो भी होता है इस पर आखिरी फैसला खुद मोर्गन का होगा. 

आईसीसी की वेबसाइट ने स्ट्रॉस के हवाले से लिखा, ‘इयोन मोर्गन ने क्रिकेट के एवरेस्ट को फतह कर लिया है. अब सवाल यह उठता है कि आखिर वे आगे क्या हासिल करना चाहते हैं. यही सवाल हर खिलाड़ी के सामने होगा क्योंकि पूर्व में हम सबने गलती की है. हमने एशेज सीरीज़ जीती और वर्ल्ड नंबर-1 बने, तब हमें लगा कि यही सब कुछ है. अब हमें इस बड़ी जीत की नींव पर कुछ और बड़ा हासिल करना होगा और ये एक बहुत बड़ी चुनौती होगी.’

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स्ट्रॉस ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि मोर्गन जो भी अभी कर रहे हैं उसके बारे में साफ तौर पर सोचें कि क्या वो आने वाले समय में इसी को जारी रखना चाहते हैं. सवाल बस इतना है कि वो थोड़ा समय लेकर अपने बारे में सोचें. अगर वो कप्तान बने रहना चाहते हैं तो उनमें इस जिम्मेदारी के लिए उत्साह रहनी चाहिए ताकि वे दूसरों को प्रेरित कर सकें जैसा उन्होंने पिछले चार साल किया है. अगर उन्हें कप्तानी करने की लालसा है तो हमने देखा है कि वो इतने लाजवाब कप्तान हैं.’

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2015 के वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के ग्रुप स्टेज से बाहर होने के बाद स्ट्रॉस ने मोर्गन का साथ दिया था. टीम के बाहर होने के बाद स्ट्रॉस ने इंग्लैंड के टीम डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभाली थी. तब स्ट्रॉस ने अपना पहला बड़ा निर्णय लेकर मॉर्गन को टीम का कप्तान बनाए रखा था. चार साल बाद स्ट्रॉस का मोर्गन को कप्तान बनाए रखने का फैसला सही साबित हुआ. स्ट्रॉस के मुताबिक इंग्लैंड के क्रिकेट बोर्ड को लगता था कि सीमित ओवर की क्रिकेट में मॉर्गन जिस तरह की कप्तानी करते थे उससे टीम की दशा और दिशा वापस पटरी पर लौट सकती थी.