नई दिल्ली: आखिरकार 21 साल के ऋषभ पंत (Rishabh Pant) आईसीसी विश्व कप की टीम में शामिल हो ही गए. अप्रैल में जब टीम इंडिया की घोषणा हुई और उसमें पंत को नहीं चुना गया था तो कई दिग्गजों ने इसे गलत बताया था. उनका कहना था कि पंत अपने साथ वो आक्रामता लाते हैं, जो किसी टीम को चैंपियन बनाने के लिए जरूरी है. जब शिखर धवन (Shikhar Dhawan) को चोट लगी तब भी सुनील गावस्कर समेत कई क्रिकेटरों ने एक सुर में कहा कि उनकी जगह पंत को मौका दिया जाना चाहिए. पंत के पक्ष में एक बात यह कही जा रही है कि उनकी आक्रामकता और जोश टीम इंडिया के लिए ट्रंप कार्ड साबित हो सकता है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भारतीय टीम के प्रशासनिक प्रबंधक सुनील सुब्रमण्यम ने बुधवार को बताया, ‘शिखर धवन के बाएं हाथ की मेटाकार्पल हड्डी में फ्रेक्चर है. करीब 15 जुलाई तक उनके हाथ में प्लास्टर बंधा रहेगा. इस कारण वे विश्व कप (World Cup 2019) से बाहर हो गए हैं. हमने आईसीसी से उनकी जगह ऋषभ पंत को शामिल करने का अनुरोध किया है.’ ऋषभ पंत को पांच वनडे मैचों का अनुभव है लेकिन दबाव में नहीं आने की प्रवृति से उन्हें ट्रंप कार्ड माना जा रहा है. धवन के चोटिल होते ही पंत को उनके कवर के तौर पर बुला लिया गया था. 

यह भी पढ़ें: World Cup 2019: कितना बड़ा झटका है धवन का OUT होना, क्या खतरे में पड़ी टीम इंडिया की दावेदारी

ऋषभ पंत के लिए इंग्लैंड लकी रहा है. उन्होंने पिछले साल इंग्लैंड में ही अपने इंटरनेशनल करियर का पहला शतक जड़ा था. टीम इंडिया में उनकी दावेदारी तभी तय हो गई थी. इसी सीरीज से पहले दिनेश कार्तिक बतौर विकेटकीपर टीम की पसंद थे. लेकिन ऋषभ पंत ने ओवल टेस्ट की दूसरी पारी में 114 रन की पारी खेलकर कार्तिक की जगह अपना दावा मजबूत कर लिया था.
 




ऋषभ पंत के इंग्लैंड के बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज में भी खेलने का मौका दिया. पंत वनडे सीरीज में कामयाब नहीं रहे. लेकिन उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसी की जमीन पर शतक जमाकर फिर खुद को साबित किया. आईपीएल में भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था, जिसमें उन्होंने 160 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से 488 रन बनाए थे. 

टीम प्रबंधन को शायद इसलिये धवन की चोट की घोषणा करने के लिए बाध्य होना पड़ा क्योंकि भुवनेश्वर भी चोटिल है. अगर पंत को टीम में शामिल नहीं किया गया होता तो भारत के पास 22 जून को अफगानिस्तान के खिलाफ मैच के चयन के लिए केवल 13 खिलाड़ी ही होते. भुवनेश्वर हैमस्ट्रिंग चोट के कारण तीन मैचों के लिए बाहर हैं. टीम फिजियो पैट्रिक फरहार्ट भुवनेश्वर की चोट पर नजर बनाए हुए हैं. 


(इनपुट: भाषा)