ओपनर शिखर धवन की जगह मध्यक्रम के बल्लेबाज ऋषभ पंत को बुलाना टीम इंडिया की दुविधा को दर्शाता है.
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नई दिल्ली: भारतीय ओपनर शिखर धवन (Shikhar Dhawan) अंगूठे में चोट के कारण आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप (World Cup 2019) से बाहर हो गए हैं. उनकी जगह युवा क्रिकेटर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) टीम में शामिल कर लिए गए हैं. लेकिन पंत के लिए उनकी जगह भर पाना आसान नहीं होगा. सही मायने में कहें तो विकेटकीपर पंत, ओपनर शिखर धवन के रिप्लेसमेंट हैं ही नहीं. यह तो बीसीसीआई और टीम प्रबंधन की दुविधा है कि उन्हें ओपनर की जगह मध्यक्रम के बल्लेबाज को बुलाना पड़ा है. यह इस बात का भी सीधा संकेत है कि भारतीय टीम का समीकरण गड़बड़ा गया है.
दरअसल, अगर आपको शिखर धवन के ‘विकेट’ गिरने के झटके को समझना है तो उनकी चोट से लेकर अब तक के घटनाक्रम को देखना होगा. एक खिलाड़ी (धवन) 9 जून को चोटिल होता है. उसे फ्रैक्चर है. फिर भी टीम उसे साथ रखना चाहती है. दिलचस्प बात यह है कि 15 सदस्यीय टीम में पहले से ही तीन ओपनर चुने गए थे. यानी, अगर कोई ओपनर चोटिल हो जाए तो उसकी जगह आपकी टीम में पहले से विकल्प मौजूद है. तब भी चोटिल ओपनर को टीम में रखना टीम की किसी ना किसी मजबूरी का संकेत थी.
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टीम इंडिया की इस मजबूरी को दो तरह से समझा जा सकता है. पहला तो शिखर धवन का प्रदर्शन और दूसरा उनके ना रहने से टीम में पड़ने वाला असर. सबसे पहले शिखर के प्रदर्शन की बात करते हैं. क्रिकेटप्रेमी जानते हैं कि शिखर धवन का आईसीसी टूर्नामेंट (विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी) में हमेशा से शानदार प्रदर्शन रहा है. कुछ साल पहले चैंपियंस ट्रॉफी में ही शिखर धवन और रोहित शर्मा की जोड़ी पहली बार ओपनिंग करने उतरी थी. तब से अब तक इस जोड़ी का सफर बेहद शानदार रहा है. मौजूदा दौर में शिखर-रोहित दुनिया की सबसे बेहतरीन ओपनिंग जोड़ी है. टीम इंडिया ने इसी कारण तय किया था कि धवन अगर जुलाई के मैचों में भी उपलब्ध हो सकते हैं, तो उनका इंतजार किया जाए. हालांकि, ऐसा नहीं हुआ.
अब शिखर की गैरमौजूदगी से पड़ने वाले असर की बात. शिखर के ना रहने पर केएल राहुल (KL Rahul) उनकी जगह ओपनिंग करेंगे. राहुल और रोहित ने पाकिस्तान के खिलाफ शतकीय साझेदारी की थी. यह इस बात का संकेत है कि राहुल-रोहित भारत को अच्छी शुरुआत दे सकते हैं. लेकिन केएल राहुल, जो विश्व कप के शुरुआती मैचों में नंबर-4 पर खेल रहे थे, उनके ओपनिंग करने से मध्यक्रम का समीकरण गड़बड़ा गया है. अब नंबर-4 पर विजय शंकर पहले विकल्प के तौर पर मौजूद हैं. दूसरे विकल्प ऋषभ पंत है. जाहिर है कि इन दोनों खिलाड़ियों के पास ऐसा अनुभव नहीं है, जो संकट में भरोसा जगाता हो.
नंबर-4 वनडे क्रिकेट में बेहद महत्वपूर्ण है. जब भी शुरुआती विकेट जल्दी गिरते हैं, तब इस नंबर के खिलाड़ी को संकटमोचक के तौर पर देखा जाता है. ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ इसी नंबर पर उतरकर पूरी टीम को संभाल लिया था. इंग्लैंड में भी खुद कप्तान इयोन मोर्गन नंबर-4 पर खेलते हैं. यानी, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की तुलना में भारत का नंबर-4 काफी कमजोर है. केएल राहुल इस नंबर पर फिर भी सही विकल्प लग रहे थे. लेकिन विजय शंकर और ऋषभ पंत का इस नंबर पर खेलना एक जोखिम की तरह है, जो काम कर गया तो ‘बल्ले-बल्ले’ और नहीं चले तो किले का दरवाजा खुल गया समझो. जाहिर है, धवन का टीम से बाहर होना बड़ा झटका है.