वेलिंग्टन: आईसीसी क्रिकेट विश्व कप (ICC World Cup 2019) का फाइनल रोमांच के चरम तक पहुंचा. इसने ना सिर्फ करोड़ों लोगों को खुशियां दीं, बल्कि लाखों को गम में भी डुबो दिया. जब यह मैच निर्धारित ओवर में भी खत्म नहीं हुआ तो सुपर ओवर कराना पड़ा. 12 गेंदों के इस ‘सुपर मुकाबले’ से रिजल्ट तो नहीं निकला, लेकिन इसने न्यूजीलैंड के क्रिकेटर जेम्स नीशाम (James Neesham) के बचपन के शिक्षक व कोच जेम्स गॉर्डन की जान जरूर ले ली. बाद में यह मैच बाउंड्री काउंट के आधार पर इंग्लैंड (England) ने जीता और विश्व कप की ट्रॉफी पर कब्जा किया. 


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सुपर ओवर में इंग्लैंड ने पहले बैटिंग करते हुए 15 रन बनाए थे. इसके जवाब में न्यूजीलैंड (New Zealand) की ओर से जिमी नीशाम और मार्टिन गप्टिल बैटिंग के लिए उतरे. सुपर ओवर का रोमांच तब अपनी चरम पर पहुंच गया, जब ऑलराउंडर जिमी नीशम ने छक्का लगाया. जेम्स गॉर्डन की बेटी लियोनी ने बताया, ‘जैसे ही सुपर ओवर की दूसरी गेंद पर नीशाम ने छक्का मारा उनके पिता की सांसें रुक गई. जेम्स गॉर्डन ऑकलैंड ग्रामर स्कूल के पूर्व शिक्षक और कोच थे. 

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'स्टफ डॉट को डॉट एनजेड' के मुताबिक, लियोनी ने कहा, ‘सुपर ओवर के दौरान एक नर्स आई और उन्होंने कहा कि मेरे पिता की सांसें बदल रही हैं. मैं समझती हूं कि नीशाम ने छक्का मारा और मेरे पिता ने आखिरी सांसें ली.’ लियोनी ने कहा, ‘उनका सेंस ऑफ ह्यूमर शानदार था और वे बहुत दिलचस्प आदमी थे. उन्हें बहुत अच्छा लगा होगा कि नीशाम ने छक्का मारा.’



 



नीशाम ने गुरुवार को ट्वीट किया, ‘डेव गॉर्डन मेरे हाई स्कूल के शिक्षक, कोच और दोस्त. इस खेल का आपका प्यार संक्रामक था. खासकर उनके लिए जिन्हें आपके मार्गदर्शन में खेलने को सौभाग्य प्राप्त हुआ. मैच समाप्त होने तक आपने अपनी सांसें रोके रखी. आशा है कि आपको गर्व हुआ होगा. आपका धन्यवाद, भगवान आपकी आत्मा को शांति दे.’

लियोनी ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि खिलाड़ी ने उनके पिता को श्रद्धांजलि दी. गॉर्डन ने नीशाम, लॉकी फर्ग्युसन और कई अन्य खिलाड़ियों को हाई स्कूल के दौरान कोचिंग दी. वे 25 वर्षो तक स्कूल में क्रिकेट और हॉकी के कोच रहे. 

(इनपुट: आईएएनएस)