नई दिल्ली: किसी भी क्रिकेटर का सबसे बड़ा सपना विश्व कप (World Cup 2019) खेलना और विश्व चैंपियन बनना होता है. जाहिर है जब किसी क्रिकेटर को विश्व कप की टीम में चुने जाने की खबर मिलती है ,तो वह उसकी जिंदगी का यादगार पल होता है. वह उसकी जिंदगी का सबसे खुशहाल पल होता है. लेकिन जरूरी नहीं कि ऐसा सबके साथ हो. पाकिस्तान के आसिफ अली (Asif Ali) को ही लीजिए. उन्हें विश्व कप टीम में चुने जाने की खबर तब मिली, जब वे अपनी जिंदगी का सबसे बड़े गम झेल रहे थे. 

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27 साल के आसिफ अली मध्यक्रम के बल्लेबाज हैं. पाकिस्तान ने उन्हें विश्व कप के लिए घोषित शुरुआती टीम में नहीं चुना था. हालांकि, उन्हें इंग्लैंड दौरे पर वनडे सीरीज के लिए टीम में जगह दी गई थी. आसिफ अली ने इस सीरीज में दो तेजतर्रार अर्धशतक लगाए. हालांकि, पाकिस्तान के पांचों वनडे मुकाबले हार जाने के कारण उनकी पारियों का ज्यादा जिक्र नहीं हुआ. उन्होंने रविवार को खेले गए पांचवें वनडे में 22 रन बनाए. 

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आसिफ अली जब इंग्लैंड में क्रिकेट खेल रहे थे, तब उनकी बेटी नूर फातिमा कैंसर से जंग लड़ रही थी. उन्हें चौथी स्टेज का कैंसर था. दो साल की नूर रविवार (19 मई) को कैंसर से यह जंग हार गईं. आसिफ बेटी की मौत की खबर मिलते ही इंग्लैंड से अमेरिका जाने के लिए तैयारी करने लगे. लेकिन किस्मत का खेल अब भी जारी था. वे अमेरिका रवाना होते, इससे पहले ही यह खबर आ गई कि आसिफ अली को विश्व कप की टीम में चुन लिया गया है. उन्हें ओपनर आबिद अली की जगह टीम में जगह दी गई है.  

आसिफ को चुनना मुश्किल फैसला था: इंजमाम 
पाकिस्तानी टीम के मुख्य चयनकर्ता इंजमाम उल हक ने कहा, ‘आबिद अली (Abid Ali) की जगह आसिफ को चुनना मुश्किल फैसला था. हमें मध्यक्रम में, खासकर छठे-सातवें क्रम में पावर-हिटर की जरूरत थी. आसिफ ने इंग्लैंड में ऐसी दो पारियां खेलीं. उनकी इन्हीं पारियों ने विश्व कप के लिए हमें विकल्प दे दिया. आसिफ अली 16 वनडे और 20 टी20 मैच खेल चुके हैं. 


जब तक नहीं आएंगे, तब तक करेंगे इंतजार 
इंजमाम उल हक ने कहा, ‘आसिफ इस समय मुश्किल वक्त का सामना कर रहे हैं. उनके अमेरिका जाने के इंतजाम किए जा रहे हैं. उम्मीद है कि वे पाकिस्तान के पहले वार्म-अप मैच से पहले लौट आएंगे. लेकिन अगर यदि वे उस दिन तक नहीं लौट सके, तो भी हम उनका तब तक इंतजार करेंगे, जब तक कि वे लौटकर नहीं आ जाते.’