आईसीसी विश्व कप ( ICC Cricket World Cup 2019) इंग्लैंड में होना है. इस विश्व कप में बल्लेबाजों से ज्यादा गेंदबाजों की भूमिका अहम हो सकती है.
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नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट की जब भी बात होती है तो इसकी शुरुआत बल्लेबाजों से होती है. सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर से लेकर विराट कोहली तक का पूरी दुनिया लोहा मानती है. लेकिन भारतीय गेंदबाजी को वो सम्मान कभी हासिल नहीं रहा, जो इन दिनों है. मौजूदा टीम इंडिया (Team India) की ताकत बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी भी है. टीम इंडिया के सदस्य मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) ने भी माना कि आगामी विश्व कप (World Cup 2019) में भारत की कामयाबी गेंदबाजों पर काफी कुछ निर्भर करेगी.
अगला विश्व कप ( ICC Cricket World Cup 2019) इंग्लैंड में होना है. इस विश्व कप में बल्लेबाजों से ज्यादा गेंदबाजों की भूमिका अहम हो सकती है. इसकी वजह वहां का मौसम और पिचें हैं. टूर्नामेंट में भारतीय तेज गेंदबाजी भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और हार्दिक पांड्या संभालेंगे. स्पिन अटैक युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा के जिम्मे होगा. विजय शंकर तेज गेंदबाजी और केदार जाधव स्पिन गेंदबाजी में हाथ बंटाते नजर आएंगे.
विश्व कप में पहली बार भारतीय गेंदबाजी को खतरनाक माना जा रहा है. इसकी वजह यह है कि भारतीय गेंदबाजी में मजबूती के साथ-साथ विविधता भी है. भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने इस बारे में क्रिकइंफो से कहा, ‘इस बार हमारे पास कौशल के साथ तेजी भी है, जो विश्व कप में हमें बाकियों से बेहतर बना रही है.’ मोहम्मद शमी ने पिछले विश्व कप में 17 विकेट झटके थे.
मोहम्मद शमी ने कहा, ‘यह गर्व की बात है कि टीम की गेंदबाजी उसकी ताकत मानी जा रही है. भारतीय क्रिकेट का 20 से 30 साल पुराना इतिहास देखें तो पता चलेगा कि हमेशा बल्लेबाजों का राज रहा है. इसमें गेंदबाजों का दोष नहीं था क्योंकि पिचें ही ऐसी बनती थीं. पिछले पांच-सात साल में चीजें बदली हैं.’ उन्होंने कहा, ‘विश्व कप में भारतीय टीम की बात करूं तो इस बार कौशल के साथ पेस भी है, जो हमारी विशेष पहचान बन गई है. यह एक सपने के पूरे होने जैसा है. मुझे खुशी होती है कि लोग आज हमारे तेज गेंदबाजों के बारे में बात करते हैं. यही हमारी ताकत बन गई है.’