पश्चिम बंगाल के जादवपुर विश्वविद्यालय में फर्स्ट ईयर छात्र के मौत मामले में पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें तीन मौजूदा और तीन पुराने छात्र हैं. इन सभी छात्रों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है. इस तरह के आरोप लगाए गए थे कि रैगिंग के दबाव का छात्र बर्दाश्त नहीं कर सका और लड़कों के छात्रवास से छलांग लगा दी. पुलिस के मुताबिक घटना वाले दिन यानी 10 अगस्त को रात 9 बजे से लेकर 11.45 तक के वीडियो फुटेज को खंगालने के बाद तस्वीर साफ हुई. इस मामले में अब तक कुल 9 लोगों की गिरफ्तारी हुई है और यह संख्या 12 तक जा सकती है. 


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पूर्व छात्र भी शामिल !


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब छात्र बॉलकनी से गिरा. इस घटना के तुरंत बाद तीनों पूर्व छात्र फरार हो गए और शेष तीन छात्रों से एक ही सुर में जनरल बॉडी मीटिंग के दौरान अपनी बात रखने के लिए कहा था. पुलिस का कहना है कि एंट्रो के दौरान रैगिंग में कुल 12 से 13 छात्र शामिल थे और जिस समय छात्र गिरा उस वक्त फ्लोर पर 9 छात्र थे.पुलिस ने कहा कि पीड़ित को पत्र लिखने के लिए मजबूर करने का विचार सप्तक के साथ मुख्य आरोपी सौरव का था. पीड़ित को रात 9 बजे के बाद ए-2 ब्लॉक की चौथी मंजिल पर कमरा नंबर 104 में बुलाया गया.  दीपशेखर ने पुलिस को बताया था कि उसने पत्र लिखा था जिसमें उसने एक छात्र जो बोर्डर नहीं था रैगिंग के लिए फंसाया था.  बुधवार को गिरफ्तार किए गए छह लोगों ने कहा कि नाबालिग को हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था. एक बार पत्र लिखने का काम पूरा हो जाने के बाद पीड़ित को लगभग रात 10 बजे नीचे की मंजिल पर बुलाया गया जहां से वो गिरा था.


तीन अलग अलग कमरों में रैगिंग


एंट्रो सेशन कम से कम तीन अलग-अलग कमरों में आयोजित किए गए थे. प्रथम वर्ष के छात्र को एक के बाद एक कमरे का चक्कर लगाने के लिए कहा गया. पुलिस ने कहा कि पीड़ित पर कपड़े उतारने का दबाव बनाया गया था. जबकि कुछ अभियुक्तों का कहना है कि कपड़े उतारने का काम उसने अपनी मर्जी से किया था लेकिन पुलिस का कहना है कि पर्याप्त सबूत हैं कि उसे मजबूर किया गया था. पुलिस ने कहा कि इसी समय के आसपास मोहम्मद आरिफ नाम के एक छात्र के फोन का इस्तेमाल किया गया था ताकि पीड़ित परिवार को फोन करे. आरिफ के फोन से ही सौरव ने पीड़ित के परिवार को फोन किया था. पुलिस ने यह भी कहा कि जब पीड़ित ने अपने परिवार को यह बताने की कोशिश की कि क्या हो रहा है, तो सौरव ने ही उसका फोन छीन लिया था.  फिर पीड़ित को निर्देश दिया गया कि वह अपने माता-पिता को बताए कि सब कुछ ठीक है. जब रैगिंग जारी रही तो एक और फोन डीन को किया गया जिसके बाद छात्रावास अधीक्षक टी जना ग्राउंड फ्लोर पर पहुंचे और बताया कि सब कुछ सामान्य है. लेकिन बाद में उसने पुलिस को बताया कि वह उस समय ऊपर जाने से डर रहे थे.