Abhishek Ghosalkar Murder Case: मुंबई के दहिसर में हुए अभिषेक घोसालकर हत्याकांड की जांच मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच करेगी. पुलिस सूत्रों ने बताया की हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार गैर लाइसेंसी था. ऐसे में क्राइम ब्रांच की टीम इस बात की जांच में जुटी है कि आरोपी मोरिस के पास यह हथियार कहां से आए. जानकारी के मुताबिक, आरोपी मोरिस और पूर्व नगरसेवक अभिषेक घोसालकर (Abhishek Ghosalkar) के बीच पुरानी दुश्मनी थी. कुछ समय से मोरिस, अभिषेक के करीब आने की कोशिश में जुटा था.


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उद्धव की पार्टी के नेता की हत्या


जान लें कि गुरुवार की देर शाम सुनियोजित ढंग से मोरिस ने अभिषेक को अपने दफ्तर बुलाया, जहां दोनों ने साथ मिलकर फेसबुक लाइव किया. इसी फेसबुक लाइव में दोनों ने इस बात का जिक्र किया कि एक-दूसरे के गिले-शिकवे भुलाकर समाज सेवा का काम करना है. लेकिन फेसबुक लाइव के दौरान मोरिस ने 6 राउंड फायर किए, जिनमें से तीन गोलियां अभिषेक को लगीं.


हिरासत में लिया गया मोरिस का PA


पुलिस ने आरोपी मृतक मोरिस के पीए मेहुल पारिख को हिरासत में लिया. जानकारी के मुताबिक, वारदात के समय मेहुल पारिख घटनास्थल पर मौजूद था और फेसबुक लाइव के दौरान कैमरे के पीछे मौजूद था. मेहुल, मोरिस का बेहद करीबी बताया जाता है. ऐसे में पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस हत्याकांड की साजिश रचने में उसकी भी कोई भूमिका तो नहीं थी?


मोरिस की क्राइम हिस्ट्री


मोरिस का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड था. मोरिस 80 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में आरोपी था. महिला से रेप के मामले में भी वह आरोपी था. मोरिस के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 के तहत भी मामला लंबित था.


FB लाइव के दौरान बरसाईं गोलियां


बता दें कि आरोपी मोरिस, अभिषेक के बगल में बैठा था. दोस्ती की बात कर रहा था. और जब उठा तो सिर्फ इतना कहा सर सिर्फ 2 शब्द कहेंगे. इसके बाद हम स्टार्ट करेंगे. लेकिन फेसबुक लाइव कर रहे शिवसेना उद्धव गुट के नेता अभिषेक घोसालकर को बहुत सारी बातें करनी थीं. उसने फ्रेम से बाहर होने के बाद अभिषेक को सिर्फ और सिर्फ 50 सेकेंड का वक्त दिया और उसके बाद अभिषेक कहते हैं कि भगवान आपको सुरक्षित रखें. लेकिन उन्हें क्या पता था अगले ही पल उनके साथ क्या होने वाला है. आरोपी मोरिस ने अभिषेक को करीब से एक के बाद एक कई गोलियां मारीं.


अभिषेक घोसालकर को क्यों मारा?


जान लें कि आरोपी मोरिस से अभिषेक का विवाद चल रहा था. लेकिन अब वो फिर से उसके साथ काम करने को तैयार था. कह रहा था कि एक अच्छी शुरुआत हो रही है. गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए ऐसे ही काम करते रहेंगे. लेकिन जिसके साथ अभिषेक फिर से काम करने को तैयार थे, वो उनकी मौत बनकर आया. अभिषेक हाथ में मोबाइल उठाते हैं. लेकिन एक कदम भी नहीं बढ़ा पाते हैं. उससे पहले ही मोरिस उनपर गोलियों की बारिश शुरू कर देता है.


हमलावर ने खुद को भी मारी गोली


आरोपी मॉरिस के हमले में अभिषेक घोसालकर के पास इतना भी मौका नहीं था कि वो खुद को बचा सकें या विरोध कर सकें. घटना के बाद आरोपी मोरिस ने भी खुद को गोली मार ली, जिससे उसकी मौत हो गई. वहीं शिवसेना उद्धव गुट के नेता अभिषेक की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.