UP: `वास्तव` फिल्म देख बनाया था `फ्रैक्चर गैंग`, फिल्मी तरीके से देते थे वारदात को अंजाम
प्रयागराज से फरार शोएब के भागने की तस्वीरें CCTV में रिकार्ड हुई थीं. मामले को लेकर पुलिस के हाथ 4 साल खाली रहे. अचानक यूपी एसटीएफ (UP STF) के डिप्टी एसपी दीपक सिंह को मुखबिर से खबर मिली और कई मामलों में 50 हजार का ईनामी पकड़ा गया.
लखनऊ: प्रयागराज (Prayagraj) के कीडगंज में स्थित जीवन ज्योति अस्पताल के मालिक एक बंसल के मर्डर का आरोपी आखिरकार 4 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया. फरार आरोपी शोएब को यूपी एसटीएफ (UPSTF) ने पकड़ा है. 13 जनवरी 2017 को डॉक्टर ए के बंसल अपने अस्पताल में मरीजों को देख रहे थे तभी मरीज बनकर आए बदमाश ने उनके शरीर में तीन गोलियां चलाईं और असलहा लहराते हुए फरार हो गया था. उस दौरान डॉक्टर बंसल के सुरक्षा गार्डों ने हमलावर का पीछा किया लेकिन वो भागने में कामयाब रहा.
मुखबिर की टिप से ट्रैकिंग
मौका ए वारदात से फरार होने का वीडियो CCTV में रिकार्ड हुआ था. मामले को लेकर पुलिस के हाथ 4 साल तक खाली रहे. हाल ही में यूपी एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह को अपने मुखबिर से खबर मिली कि मर्डर के मामलों में 50 हजार रुपए का इनामी बदमाश लखनऊ (Lucknow) के चिनहट इलाके में छुपा हुआ है जिसके बाद STF ने आरोपी शोएब को धर दबोचा.
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फिल्म देखकर बनाया 'फ्रैक्चर' गैंग
हांलाकि इन शूटर्स ने ये कोई पहली हत्या नही की थी. इससे पहले 2015 में प्रतापगढ़ में आरोपियों ने एक चलती बस रुकवाकर चुनमुन पांडेय नाम के शख्स को गोलियों से भून दिया था. एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि इन तीनों ने अपने गैंग का नाम फ्रैक्चर गैंग रखा था. फिल्म देखकर इन्हें ये आईडिया मिला. अगर किसी को अपने दुश्मन के हाथ पैर तुड़वाने हो या मर्डर करके ठिकाने लगाना हो इसके लिए बकायदा आरोपियों ने कथित रूप से एक ऑफिस खोल रखा था. क्षेत्र में अपना खौफ कायम करने के लिए भी ये लोग अक्सर फायरिंग करते रहते थे.
55 लाख के लिए हुआ था मर्डर
STF ने जब कड़ाई से पूछताछ की तो पता चला कि शोएब यासिर और मकसूद ने मिलकर आलोक सिन्हा के कहने पर बंसल की हत्या की क्योंकि डॉक्टर बंसल ने अपने बेटे के मेडिकल में एडमिशन के लिए आलोक सिन्हा को 55 लाख रुपए दिए थे, जिसे लेकर आलोक सिन्हा फरार हो गया था. बंसल ने प्रयागराज में आलोक सिन्हा के ऊपर फ्रॉड का केस दर्ज कराया जिसके बाद पुलिस ने आलोक सिन्हा को जेल भेज दिया.
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वहीं दूसरी ओर अस्पताल मालिक बंसल अपने 55 लाख की रकम को हासिल करने के लिए उस पर दबाव भी बना रहा था जिसके बाद आलोक सिन्हा ने बंसल को जान से मरवाने का फैसला किया था.
जेल में रची गई थी साजिश
नैनी जेल में हीआलोक सिन्हा की मुलाकात दिलीप मिश्रा से मुलाकात हुई दिलीप मिश्रा की पहले से ही डॉक्टर बंसल से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था दिलीप मिश्रा ने जेल में आलोक सिन्हा की मुलाकात अख्तर कटरा से करवाई जहा अख्तर कटरा ने यासिर, मकसूद और शोएब को डॉक्टर बंसल को मारने के लिए हायर किया और 70 लाख में डील तय हुई डाक्टर बंसल की हत्या के बाद शोएब और मकसूद ने अपने साथी यासिर को पैसों के लेन देन के विवाद में हत्या कर दी.
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