Porsche case: बाबा ने ली गारंटी, दिलाया ये भरोसा; जानिए पुणे पोर्श केस के आरोपी की बेल की इनसाइड स्टोरी
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Porsche case: बाबा ने ली गारंटी, दिलाया ये भरोसा; जानिए पुणे पोर्श केस के आरोपी की बेल की इनसाइड स्टोरी

Pune News: जेजे बोर्ड द्वारा पारित आदेश में कहा गया, 'आरोपी किशोर के दादा ने आश्वासन दिया है कि वो अपने बच्चे को बुरी संगत से दूर रखेंगे और उसकी पढ़ाई पर ध्यान देंगे जो उसके कॅरियर के लिए उपयोगी हो. वो लगाई गई शर्त का पालन करने के लिए तैयार हैं. इसलिए उसे जमानत पर रिहा करना उचित है.'

Porsche case: बाबा ने ली गारंटी, दिलाया ये भरोसा; जानिए पुणे पोर्श केस के आरोपी की बेल की इनसाइड स्टोरी

Pune Porsche accident case update today: पुणे में कथित तौर पर अपनी महंगी कार से मोटरसाइकिल को टक्कर मारने वाले 17 वर्षीय लड़के को 7500 रुपये के मुचलके और उसके दादा द्वारा उसे बुरी संगत से दूर रखने के आश्वासन पर जमानत दी गई थी. रविवार की सुबह पुणे के कल्याणी नगर इलाके में जिस पोर्श कार से हादसा हुआ था उसे कथित तौर पर 17 वर्षीय किशोर चला रहा था. उस खौफनाक हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस ने नाबालिग किशोर के बारे में दावा किया कि वह नशे में था. आरोपी किशोर के पिता एक रियल एस्टेट डेवलपर हैं. आरोपी को बाद में किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया और कुछ समय बाद उसे जमानत दे दी गई.

बाबा ने ली पोते की गारंटी

पुणे की पुलिस के अनुसार, शनिवार और रविवार की मध्यरात्रि किशोर अपने दोस्तों के साथ रात साढ़े नौ से एक बजे के बीच दो होटलों में गया था और वहां उसने कथित तौर पर शराब पी थी. रविवार को किशोर न्याय बोर्ड द्वारा पारित आदेश में कहा गया, 'आरोपी किशोर के दादा ने आश्वासन दिया है कि वह बच्चे को किसी भी बुरी संगत से दूर रखेंगे तथा उसकी पढ़ाई पर या कोई ऐसा व्यावसायिक पाठ्यक्रम कराने पर ध्यान देंगे जो उसके कॅरियर के लिए उपयोगी हो. वह उस पर लगाई गई शर्त का पालन करने के लिए तैयार हैं इसलिए किशोर को जमानत पर रिहा करना उचित है.'

आदेश पारित करते हुए बोर्ड ने यह भी कहा कि किशोर को 7,500 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा किया जाता है और यह शर्त है कि उसके माता-पिता उसकी देखभाल करेंगे और यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में कभी भी किसी अपराध में वह शामिल ना हो.

जेजे बोर्ड के आदेश पर छिड़ी बहस

न्यायालय ने उसे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय जाकर यातायात नियमों का अध्ययन करने तथा 15 दिनों के भीतर बोर्ड के समक्ष एक प्रस्तुतिकरण देने का भी निर्देश दिया.

आदेश में कहा गया है, 'किशोर सड़क दुर्घटनाओं और उनके समाधान विषय पर 300 शब्दों का निबंध लिखेगा.' पुणे पुलिस ने जमानत आदेश को चुनौती देते हुए सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और लड़के के साथ एक वयस्क के रूप में व्यवहार करने की अनुमति मांगी थी क्योंकि उसने जो अपराध किया है वह ‘जघन्य’ है.

पुलिस पर दबाव नहीं: फडणवीस

हालांकि अदालत ने पुलिस से कहा कि वह आदेश की समीक्षा के लिए किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष याचिका दायर करे. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि कार दुर्घटना मामले से निपटने में पुलिस की कोई लापरवाही सामने नहीं आई है और उन्होंने मामले की जांच कर रहे पुलिसकर्मियों पर किसी तरह का दबाव होने से भी इनकार किया था.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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