Future Strategy of Narayan Sakar Hari: जो बाबा 2 जुलाई को मची भगदड़ के बाद से अंडरग्राउंड हो गया था. आज वही बाबा साकार हरि कैमरे के सामने आया तो कानून की दुहाई देने लगा. बाबा ने ऑन कैमरा कहा कि वो पीड़ित परिवारों के साथ है और दोषियों को सजा मिलनी ही चाहिए. दूसरे शब्दों में कहें तो बाबा ने खुद को क्लीन चिट दे दी है. ऐसे में सवाल उठता है कि बाबा साकार हरि जिन दोषियों को सजा देने की मांग कर रहा है आखिर वो दोषी हैं कौन. क्या बाबा साकार हरि  सत्संग में जो लोग आए थे उन्हें ही उनकी मौत के लिए जिम्मेदार मानता है या फिर बाबा की नजर में वो सेवादार हादसे के लिए दोषी हैं. जिनकी गरीबी-बीमारी और तमाम मजबूरी का फायदा उठाकर उसने अपना साम्राज्य खड़ा किया है. सवाल ये भी है कि क्या साकार हरि सत्संग में मची भगदड़ के लिए प्रशासन को जिम्मेदार मानता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पाखंडी बाबा को किस बात का लग रहा डर?


बाबा ने कैमरे के सामने आकर जिस तरह का बयान दिया. ससे तो यही लगता है कि बाबा साकार हरि खुद को दोषी मानता ही नहीं है. सवाल उठाए जा रहे हैं कि 4 दिन तक अंडरग्राउंड रहने के बाद पांचवें दिन बाबा को आखिरकार सामने क्यों आना पड़ा. क्या मुख्य सेवादार मधुकर की गिरफ्तारी के बाद अब बाबा के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है. या फिर बाबा को लगने लगा है कि मधुकर ने अगर पोल खोली तो उसकी मुश्किलें बढ़ी जाएंगी. क्या बाबा को डर सता रहा है कि देव प्रकाश मधुकर के बाद अब अगला नंबर उसका है और पुलिस अब उससे पूछताछ करेगी. 


कानून के जानकार से तैयार करवाई स्क्रिप्ट?


इन सब संदेहों की वजह ये है कि नारायण साकार हरि ने जो बयान दिया वो बिल्कुल नपा तुला है और ऐसा लग रहा है मानों बाबा ने जो बोला वो उसके शब्द नहीं, बल्कि कानून के किसी जानकार के शब्द हों. इसीलिए बाबा के इस दिलासे को संदेह की नजर से देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि बाबा ने पुलिस से बचने के लिए ही कानून के किसी जानकार से ये स्क्रिप्ट तैयार करवाई है.


वहीं गौर करने वाली बात ये भी रही कि सत्संग में घंटों तक प्रवचन देने वाला बाबा आज जब संवेदना व्यक्त करने आया तो उसके पास बोलने के लिए अपने 2 शब्द नहीं थे. वो नीचे देख-देखकर पढ़ रहा था. इससे ये कयास लगाए जा रहे हैं कि कानून के किसी जानकार से ही बाबा स्क्रिप्ट लिखवाकर लाया था कि उसे कितना बोलना है और कितनी संवेदना व्यक्त करनी है.


कानून से बचने के लिए कर रहा दिखावा!


आरोप लगाए जा रहे हैं कि ये दिलासे और तसल्ली कानून से बचने के लिए एक दिखावा है...क्योंकि अगर बाबा को अपने भक्तों की इतनी ही फिकर होती तो वो 2 जुलाई को ही बाहर आ गया होता. अगर उस समय बाबा मृतकों के परिवार वालों और घायलों की मदद करता तो कहीं ना कहीं ये माना जाता कि बाबा को भक्तों से भी उतना जुड़ाव है जितना भक्तों को उनसे है. लेकिन बाबा ने ऐसा नहीं किया, इसलिए बाबा की इस संवेदना पर भक्तों को भरोसा नहीं रहा. वहीं बाबा नारायण साकार हरि का एक और पाखंड आज खुल गया. 


'चमत्कारी' बाबा को बीमारियों ने घेरा


चूंकि बाबा नारायण साकार हरि खुद को परमात्मा बताकर लोगों की बीमारियां दूर करने का दावा करता है लेकिन अब बाबा को ही बीमारियों ने घेर लिया है. जानकारी मिली है कि बाबा का शुगर और बीपी 2 जुलाई को हुए हादसे के बाद काफी बढ़ गया है और बाबा शुगर को कंट्रोल करने के लिए जामुन खा रहा है. यह भी पता चला है कि बाबा के सेवादार बाबा को जामुन खिलाकर उसका शुगर कंट्रोल कर रहे हैं. अब बाबा की तबीयत खराब बताई जा रही है कहा जा रहा है कि बाबा बीमार हैं और उन्हें जरुरत के सामान भी बीच-बीच में पहुंचाए जा रहे हैं.